लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण के मतदान के लिए लोकसभा चुनाव के लिए 11 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की कुल 95 सीटों पर वोटिंग जारी है. पश्चिम बंगाल में भी गुरुवार को तीन लोकसभा सीटों जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग, रायगंज पर वोट डाले जा रहे हैं. वोटिंग के दौरान पश्चिम बंगाल में भारी हिंसा देखने को मिली. दावा किया जा रहा है कि हिंसा फैलाने वाले लोगों ने स्थानीय लोगों को वोट करने से रोका.
रायगंज में टीएमसी के हंगामे के बाद सीपीएम प्रत्याशी मोहम्मद सलीम की गाड़ी पर हमला हुआ है. भीड़ ने रायगंज के इस्लामपुर में सीपीएम नेता मोहम्मद सलीम की गाड़ी पर हमला कर दिया. बदमाशों ने उनके काफिले को निशाना बनाकर कथित रूप से फायरिंग की. इस घटना में सलीम को चोट नहीं आई लेकिन उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मोहम्मद सलीम के काफिले पर उस वक्त हमला हुआ जब वह इस्लामपुर के गिंदी इलाके में मौजूद थे.
West Bengal: CPM candidate from Raiganj Mohammad Salim's vehicle attacked in Islampur; CPM has alleged that TMC is behind the attack. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/TrtdrU7sb7
— ANI (@ANI) April 18, 2019
WB: Security personnel lob tear gas shells and lathi charge locals as they block NH-34 in protest after unknown miscreants allegedly prevented them from casting their votes at Digirpar polling booth in Chopra, in Islampur subdivision of North Dinajpur. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/XukT8B8Aol
— ANI (@ANI) April 18, 2019
इस घटना के बाद इलाके में तनाव है. मोहम्मद सलीम ने एक दिन पहले कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी मिली है कि यहां पर अल्पसंख्यक लोगों को गलत तरीके से प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है. इसका पता करने के लिए वह वहां का दौरा करेंगे. बताया जा रहा है कि घटना के बाद मोहम्मद सलीम को इस्लामपुर स्थित उनके पार्टी कार्यालय ले जाया गया.
इसी बीच पश्चिम बंगाल बीजेपी की महासचिव और रायगंज से प्रत्याशी देवश्री ने दावा किया कि रायगंज के कोरोनेशन हाईस्कूल में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने बूथ कैप्चर करने की कोशिश की.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में तीन सीटों पर मतदान हो रहा है. पहले चरण में यहां की दो सीटों पर मतदान हुआ था. इस राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच है. पश्चिम बंगाल का चुनावी इतिहास हमेशा से हिंसात्मक रहा है.