Birbhum Violence: बंगाल में मानव राज नहीं दानव राज है, बीरभूम में 10 महिलाओं और 2 बच्चों को जिंदा जलाया गया- कांग्रेस
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में मंगलवार तड़के हुई हिंसक घटनाओं में आठ लोगों की मौत की पुष्टी पुलिस ने की है. बीरभूम में हुई घटना को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस की सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा “पश्चिम बंगाल में आज मानव राज नहीं दानव राज चल रहा है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले के रामपुरहाट में मंगलवार तड़के हुई हिंसक घटनाओं में आठ लोगों की मौत की पुष्टी पुलिस ने की है. बीरभूम में हुई घटना को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा “पश्चिम बंगाल में आज मानव राज नहीं दानव राज चल रहा है. 10 महिलाओं और 2 बच्चों को आग के हवाले करके, जिंदा जलाया गया. इससे ज़्यादा घिनौना और क्या हो सकता है. वहां पर पुलिस के सामने यह घटना घटी है.” उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर पश्चिम बंगाल सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. बीजेपी ने बीरभूम की घटना के लिए ‘तृणमूल समर्थित गुंडों’ को जिम्मेदार ठहराया
बीरभूम में कुछ मकानों में आग लगने से दो बच्चों समेत आठ लोगों की मौत हो गयी. राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय ने कोलकाता में संवाददाताओं को बताया कि यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई.
डीजीपी मालवीय ने कहा कि एक जले हुए मकान से सात लोगों के शव बरामद किए गए, जबकि गंभीर रूप से झुलसे हुए एक घायल व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई. उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख एवं तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख की सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे हत्या कर दी गयी थी. तृणमूल के नेता की हत्या के फौरन बाद रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में कथित तौर पर कम से कम आठ घरों में आग लगा दी गई थी. ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी.
पुलिस महानिदेशक ने कहा, “स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है और कल रात से गांव में एक पुलिस चौकी स्थापित की गयी है. हम जांच कर रहे हैं कि गांव के मकानों में आग कैसे लगी और क्या यह घटना बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख की मौत से संबंधित है. प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि निजी शत्रुता के कारण उनकी हत्या की गयी है.“
घटनास्थल से 10 लोगों के शव बरामद होने के कुछ दमकल अधिकारियों के दावों के बारे में पूछे जाने पर शीर्ष पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आग पर काबू पाने के बाद सात लोगों के शव बरामद किए गए थे जबकि गंभीर रूप से झुलसे हुए तीन लोगों को निकाला गया, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गयी थी.
डीजीपी ने कहा कि एसडीपीओ और रामपुरहाट थाने के प्रभारी को सक्रिय पुलिस ड्यूटी से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एडीजी (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया है.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विधायक दल को मौके पर भेजा है. इस घटना के साथ राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर और नेताओं के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गयी है. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्य सरकार पर इस मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.
बंगाल में भाजपा के नेता मनोज तिग्गा ने कहा, “हम टीएमसी की सरकार के इस तरह के प्रयास की निंदा करते हैं. बंगाल में फैल रही अराजकता राज्य को राष्ट्रपति शासन की ओर धकेल रही है.” माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि तृणमूल के गुंडों द्वारा इतने सारे निर्दोष लोगों की हत्या निंदनीय है. टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि आग आकस्मिक थी और इस संबंध में प्रशासन ने आवश्यक कार्रवाई की है.