कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीजेपी (BJP) अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के एक बयान से राज्य की सियासत गरमा गई है. घोष ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के समर्थकों को धमकी देते हुए कहा कि अगर ममता दीदी के लोग सुधरते नहीं है तो उन्हें श्मशान भेज दिया जायेगा. उन्होंने दावा किया है कि आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी बंपर जीत के साथ राज्य में सरकार बनाएगी. पश्चिम बंगाल में एक परिवार के पांच सदस्य मृत पाए गए
एक चुनावी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि मैं ममता दीदी के लोगो से कहना चाहता हूं कि वह छह महीने में खुद को करेक्ट कर लें, नहीं तो उनके हाथ, पैर, पसलियां और सिर तोड़ दिए जाएंगे. आपको घर जाने से पहले आपको अस्पताल जाना पड़ेगा. वह इतनी बात बोलकर नहीं रुके और आगे कहा कि अगर उनकी शरारत बढ़ती है तो उन्हें श्मशान भेज दिया जाएगा. इससे पहले उन्होंने हल्दिया में एक जनसभा में राज्य की मुख्यमंत्री और टीएमसी (All India Trinamool Congress) अध्यक्ष ममता बनर्जी को’साड़ी पहने हुए हिटलर’ तक कह डाला.
I tell Mamata di's people, who do mischief, to correct themselves within 6 months or else their hands, legs, ribs & heads will be broken - you'll have to go to hospital before being able to go home. If they increase mischief, they'll be sent to crematorium: D Ghosh, WB BJP chief pic.twitter.com/XyDKJ9LPra
— ANI (@ANI) November 8, 2020
उल्लेखनीय है कि बंगाल की सत्ता पाने के लिए बीजेपी ने खास रणनीति बनाई है. खबरों के मुताबिक बंगाल में बीजेपी को 200 सीटों पर जीत दिलाने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने खास प्लान बनाया है. बंगाल में दो सौ सीटें जीतने के पीछे गृहमंत्री अमित शाह का आत्मविश्वास इतना है कि उन्होंने गुरुवार को बांकुड़ा में कार्यकर्ताओं से दो टूक कह दिया, "जिसे हंसना है, वो हंसे, मैं कहकर जा रहा हूं कि बीजेपी दो सौ सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही है."
गृहमंत्री अमित शाह के गुरुवार और शुक्रवार के दो दिवसीय दौरे से उनकी रणनीति स्पष्ट हो जाती है. पहले दिन गुरुवार को उन्होंने आदिवासी बाहुल्य बांकुड़ा जिले के चतुरडिही गांव में एक आदिवासी कार्यकर्ता के घर भोजन किया. राज्य में 55 से 60 लाख आदिवासी कई सीटों पर जीत-हार तय करते हैं. ऐसे में आदिवासी परिवार के घर भोजन के जरिए गृहमंत्री अमित शाह ने इस वर्ग को बीजेपी के करीब लाने की कोशिश की है. दूसरे दिन गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता दौरे के दौरान गौरांगनगर में एक मतुआ परिवार के व्यक्ति नवीन विश्वास के घर भोजन किया. मतुआ संप्रदाय के लोग अनुसूचित वर्ग में आते हैं.
आबादी की बात करें तो वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार बंगाल में दलितों की आबादी करीब 1.85 करोड़ है. जिसमें 80 लाख मतुआ संप्रदाय के लोग हैं. इस प्रकार देखें तो अनुसूचित वर्ग में मतुआ की हिस्सेदारी काफी अच्छी संख्या है. बीजेपी मतुआ समुदाय में प्रभाव बढ़ाना चाहती है. क्योंकि कई सीटों पर इस समुदाय के लोग निर्णायक स्थिति में हैं. राम मंदिर शिलान्यास के दौरान मतुआ समुदाय ने बंगाल से पानी और मिट्टी भेजी थी.