उत्तर प्रदेश: योगी सरकार का एक करोड़ रोजगार देने का मेगा शो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑनलाइन होंगे मौजूद
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फि र एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने का रिकार्ड बनाने जा रहे हैं. 26 जून को इसे लेकर एक बड़ा आयोजन रखा गया है. जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑनलाइन मौजूद रह कर योगी की हौसला अफजाई करेंगे. इसीलिए जो भी श्रमिक घर आए हैं स्किल मैपिंग के जरिए उनकी दक्षता का पूरा ब्यौरा एकत्र किया गया.
लखनऊ ,24 जून: कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) एक बार फि र एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने का रिकार्ड बनाने जा रहे हैं. 26 जून को इसे लेकर एक बड़ा आयोजन रखा गया है. जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी ऑनलाइन मौजूद रह कर योगी की हौसला अफजाई करेंगे. एक साथ एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाला उप्र पहला और इकलौता राज्य होगा.
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार योगी खुद इस योजना की हर रोज समीक्षा कर रहे हैं. टीम -11 की की बैठक में भी उन्होंने इस मेगा शो को लेकर गहन समीक्षा की. प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से इस कार्यक्रम को लेकर स्वीकृति मिल चुकी है. लॉकडाउन के बाद से पीएम मोदी पहली बार किसी राज्य से जुड़े ऐसे किसी आयोजन में शिरकत करेंगे.
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दरअसल मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में प्रवासी कामगारों की आमद के साथ ही हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार की तैयारी कर ली थी. राज्य सरकार इसी सूत्र वाक्य के साथ आगे बढ़ी. यही वजह है कि राज्य में प्रवासी कामगारों के आने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने सभी की स्किल मैपिंग कराने के निर्देश जारी किए थे. श्रमिकों को सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखने के दौरान उनके भोजन और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की. साथ ही क्वारटींन सेंटर में ही उनके स्किल मैपिंग का भी इंतजाम किया गया.
आज उप्र सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगार का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है. योगी सरकार इन कामगारों को एमएसएमई, एक्सप्रेस वे, हाइवे, यूपीडा, मनरेगा आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ भी चुकी है. अब ये आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंचने वाला है. यही वजह कि योगी सरकार अब एक करोड़ रोजगार के इस आंकड़े को एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करना चाहती है.
मुख्यमंत्री लगातार यह कहते रहे हैं कि दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले श्रमिक कामगार हमारी पूंजी है. हम इनको इनके हुनर के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार देंगे. इसीलिए जो भी श्रमिक घर आए हैं स्किल मैपिंग के जरिए उनकी दक्षता का पूरा ब्यौरा एकत्र किया गया. विभिन्न विभागों से यह पूछा गया कि वह अपने यहां किस दक्षता के कितने लोगों को रोजगार दे सकते हैं? हर एमएसएमई इकाई से कहा गया कि वह अपने यहां कम से कम एक अतिरिक्त रोजगार का अवसर सृजित करें. क्षमता बढ़ाने और खुद को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के पांच मई को 57 हजार से अधिक इकाईयों को ऑनलाइन लोन दिया गया. 26 जून के कार्यक्रम में भी एमएसएमई को लोन दिया जाएगा.