लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद आजम खान (Azam Khan) को एक और झटका दिया है. राज्य सरकार ने सपा (Samajwadi Party) के वरिष्ठ नेता आजम खान की लोकतंत्र सेनानी पेंशन (Loktantra Senani Pesion) को रोक दिया है. बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने यह फैसला आजम खान पर दर्ज दर्जनों आपराधिक मुकदमों के चलते लिया है. उच्चतम न्यायालय ने सपा नेता आजम खान की पत्नी, बेटे की जमानत के खिलाफ UP सरकार की अपील खारिज की
रिपोर्ट्स के मुताबिक समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को देश में इमरजेंसी लगने के समय जेल जाने की वहज से लोकतंत्र सेनानी पेंशन दिया जाता था. शुरुआत में यह पेंशन महज पांच सौ रुपये प्रतिमाह थी, जो बाद में बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई. लोकतंत्र सेनानी पेंशन की शुरुआत साल 2005 में तब के सीएम मुलायम सिंह यादव की अगुवाई वाली सरकार ने किया था.
रामपुर के डीएम आन्जनेय कुमार सिंह के मुताबिक सांसद आजम खान पर कई आपराधिक केस दर्ज है और इस वजह से उनकी पेंशन रोकने का फैसला प्रशासन ने लिया है. इमरजेंसी के वक्त आजम खान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ से जुड़े थे और जेल भेजे गए थे. अभी रामपुर में 35 लोगों को लोकतंत्र सेनानी पेंशन दी जा रही है.
समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान पर अभी 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है और वह बीते एक साल से जेल में बंद हैं. आजम खान पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन कब्जा करने के 26 मुकदमे किसानों ने दर्ज करावाए है. बीते महीने ही रामपुर जिला प्रशासन द्वारा मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से जुड़ी 173 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए आदेश जारी किया गया, जो समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान के परिवार द्वारा संचालित और उनकी स्वामित्व में है. आरोप है कि ट्रस्ट ने जमीन खरीदते वक्त राज्य सरकार के मानदंडों का उल्लंघन किया है.