झारखंड: आज हेमंत सोरेन लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी समारोह में हुए शामिल
झारखंड मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष हेमंत सोरेन रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस दौरान देश भर के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे. शपथ ग्रहण समारोह विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम बनता जा रहा है. राज्य में सरकार बनाने वाले गठबंधन के पास पहली बार 50 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस दौरान देश भर के प्रमुख नेता मौजूद रहेंगे. शपथ ग्रहण समारोह विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम बनता जा रहा है. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी शनिवार को यहां पहुंच चुकी हैं. हेमंत ने होटल में उनसे मुलाकात की.
शपथ ग्रहण समारोह रांची के मोराबादी मैदान में अपराह्न दो बजे होगा. कार्यक्रम के लिए बड़ा पंडाल बनाया गया है. विभिन्न दलों के नेताओं की उपस्थिति को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. हेमंत सोरेन के साथ-साथ कांग्रेस के दो विधायक- आलमगीर आलम और रामेश्वर उरांव भी मंत्री पद की शपथ लेंगे.
कैबिनेट फॉर्मूले के अनुसार मुख्यमंत्री समेत छह मंत्री झामुमो, चार मंत्री कांग्रेस और एक मंत्री राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का होगा. रविवार को झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी भी शपथ ग्रहण कर सकते हैं. मंत्रिमंडल विस्तार 15 जनवरी के बाद हो सकता है.
कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति तथा भारत रत्न प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, प्रियंका गांधी वाड्रा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे तथा समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव शामिल हो सकते हैं.
इनके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन, तेदेपा अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और राजद के कार्यकारी अध्यक्ष तेजस्वी यादव और अन्य प्रमुख नेता भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं.
झारखंड की 81 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन ने 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी. हेमंत सोरेन के पास तीन विधायकों वाली झाविमो-पी और एक विधायक वाले भाकपा-(मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का भी समर्थन था. राज्य में सरकार बनाने वाले गठबंधन के पास पहली बार 50 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है.