
Etawah Kathavachak Insult Case: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक के साथ जातिगत भेदभाव और बदसलूकी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. यह मामला सिर्फ एक कथावाचक के अपमान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब इसे राजनीति में बड़ा मुद्दा बना दिया गया है. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस प्रकरण पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला है. लखनऊ में प्रताड़ित हुए कथावाचक को सम्मानित करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ''एक कथावाचक से सिर्फ इसलिए बदसलूकी की गई, क्योंकि वो PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज से आते हैं. यह बेहद शर्मनाक है.''
उन्होंने सवाल उठाया कि अगर PDA समाज के लोग कथा सुन सकते हैं, तो वे उसे सुना क्यों नहीं सकते?
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अखिलेश यादव ने कथावाचक को किया सम्मानित
इटावा में प्रताड़ित हुए कथावाचक का सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किया सम्मान#SamajwadiParty @samajwadiparty @yadavakhilesh #Etawah pic.twitter.com/AZ6YLPuCGt
— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) June 24, 2025
जातिगत बदसलूकी पर भड़के सपा प्रमुख
इटावा के बकेवर इलाके के दान्दरपुर गांव में भागवत कथा के दौरान कथावाचक और उनके सहायकों की जाति पूछने पर पीडीए की एक जाति बताने पर, कुछ वर्चस्ववादी और प्रभुत्ववादी लोगों ने साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उनके बाल कटवाए, नाक रगड़वाई और इलाके की शुद्धि कराई।
हमारा संविधान जातिगत भेदभाव… pic.twitter.com/Pr11ohEp59
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 23, 2025
यह व्यक्ति की गरिमा को रौंदने जैसा है: अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब समाज में प्रभुत्ववादी सोच ने किसी को अपमानित किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कथावाचक से न सिर्फ उनकी जाति पूछी गई, बल्कि उन्हें बाल कटवाने और नाक रगड़वाई करने पर पर मजबूर किया गया. इतना ही नहीं, कथावाचक के मंच की ‘शुद्धि’ कराई गई. अखिलेश ने कहा कि यह सब न केवल असंवैधानिक है, बल्कि एक व्यक्ति की गरिमा को रौंदने जैसा है.
'BJP कथावाचकों के लिए अलग कानून बना ले'
सपा प्रमुख ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर भाजपा को कथावाचकों से इतनी परेशानी है, तो उनके लिए अलग से कानून बना ले. उन्होंने मंच पर कथावाचक को बुलाकर सम्मान भी दिया और कहा कि समाजवादी पार्टी उनके साथ खड़ी है. अखिलेश ने यह भी कहा कि वे खुद कथावाचक से कथा सुनेंगे ताकि उन पर लगाया गया ‘भेदभाव’ का कलंक धुल सके.
PDA समाज का चढ़ावा क्यों लेते हैं?: सपा प्रमुख
अखिलेश ने यह भी सवाल उठाया कि अगर कुछ लोगों को PDA समाज से इतनी आपत्ति है, तो फिर वे उनके पैसे, चढ़ावा और सहयोग क्यों लेते हैं? उन्होंने चेतावनी दी कि अगर तीन दिनों में इस घटना पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो समाजवादी पार्टी बड़ा जन आंदोलन शुरू करेगी. उन्होंने ये भी याद दिलाया कि देश की राष्ट्रपति भी इस तरह की जातिवादी सोच का शिकार हो चुकी हैं.
योगी सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम
इससे पहले अखिलेश यादव ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी और घटना को ‘संविधान और व्यक्ति की गरिमा के खिलाफ’ बताया था. उन्होंने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि PDA के सम्मान से समझौता नहीं किया जाएगा.