लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए -CM Yogi Adityanath
यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अपना पक्ष रखा और कहा कि लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रख रहे थे. कहा कि यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार इसकी गहन पड़ताल कर तह तक जा रही है.
गोरखपुर, 8 अक्टूबर: यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी ने अपना पक्ष रखा और कहा कि लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रख रहे थे. कहा कि यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार इसकी गहन पड़ताल कर तह तक जा रही है. लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं है. चाहे वह कोई भी हो कानून सबके लिए समान है, कानून सबके साथ समान रूप से व्यवहार भी करेगा.
योगी ने कहा कि लखीमपुर का राजनीतिकरण करने वालों को तालिबान का आईना दिखाना चाहिए. देश के अंदर लखीमपुर मुद्दे का राजनीतिकरण कौन कर रहे हैं? वही जो काबुल में तालिबान का समर्थन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. उत्तर प्रदेश में किसी के दबाव में कोई काम नहीं होगा. इस केस में पुलिस की ओर से एक एसआईटी और ज्यूडिशियल कमीशन गठित किया गया है. हम तो मामले की तह तक जाएंगे. वहां पर वांछितों की गिरफ्तारी शुरू हो गई है.यह भी पढ़े: Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर हिंसा में मारे गए पत्रकार रमन कश्यप के घर में भूख हड़ताल पर बैठे सिद्धू, बोले- मैं मौन हूं कोई बात नहीं करूंगा
कल कई गिरफ्तारियां हुई हैं, आज भी कार्रवाई जारी है. इस पूरे मामले में निष्पक्ष और सख्त कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के जो भी लोग थे यह कोई सद्भावना के दूत नहीं थे. अब तो इसकी एक बार पूरी जांच हो जाने दीजिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. यह सभी दुर्भावना के चलते वहां आपसी वर्ग संघर्ष पैदा करना चाहते थे. हम ऐसा नहीं होने देंगे.
योगी ने कहा कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के कवर्धा में जो हुआ, क्या वहां कोई गया इनमें से? जिन लोगों को पुलिस ने गोलियों से भूना, क्या कोई उनसे मिलने गया? अखिलेश यादव को पढ़ने-लिखने की फुर्सत कहां है, वो तो बड़े बाप के बड़े बेटे हैं. स्वाभाविक रूप से उनकी जिंदगी है और उनकी अपनी कार्य पद्धति है. देश और दुनिया से उन्हें क्या मतलब है?उन्होंने कहा कि ओवैसी अगर कश्मीर में निशाना बन रहे हिंदुओं और सिक्खों के प्रति भी सहानुभूति व्यक्त कर देते, तो लोग उनको नेता मान लेते. जो लोग लखीमपुर में हिन्दुओं और सिक्खों को आपस में लड़ाना चाह रहे हैं, उनको कश्मीर का आईना दिखाना चाहिए.
योगी ने कहा कि कोई अगर इस गलतफहमी में है कि उत्तर प्रदेश के अंदर वो घेराबंदी करके आम जनजीवन को ठप कर देंगे, या निर्दोष लोगों पर हमला करेंगे, तो वो लोग भी तैयार हो जाएं, हम तो तैयार ही हैं. सपा, बसपा और कांग्रेस सभी ब्राह्मण सम्मेलन कर रहे हैं, लेकिन लखीमपुर में दो ब्राह्मण भी मारे गए, क्या इनमें से कोई नेता गया उन पीड़ित ब्राह्मणों के घर? कन्नौज के नीरज मिश्रा की हत्या, क्या संतोष शुक्ला ब्राह्मण नहीं थे? कभी उनके घर गए? मैं नोएडा भी गया और बिजनौर भी. दोनों के बारे में कहा जाता था, जो मुख्यमंत्री वहां जाता है वो दोबारा सत्ता में लौटकर नहीं आता. हम लोग इसी मिथक को तोड़ने के लिए राजनीति में आए हैं. हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में दोबारा आएगी.