MVA में मची हलचल, NCP का दावा, महायुति में शामिल हो सकते हैं कई विधायक
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस बना हुआ है. एनसीपी के चीफ व्हिप अनिल पाटिल ने दावा किया कि महाविकास अघाड़ी के पांच से छह विधायक अगले चार महीनों में पाला बदल सकते हैं. इसके बाद अटकलें तेज हो गई हैं कि महाविकास अघाड़ी में अस्थिरता बनी हुई है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. इस चुनावी नतीजे ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को एक बड़ा झटका दिया है, जिसके बाद विपक्षी पार्टी एनसीपी के अंदर हलचल मच गई है. एनसीपी के चीफ व्हिप अनिल पाटिल ने दावा किया है कि महाविकास अघाड़ी में अस्थिरता है और आने वाले कुछ महीनों में इसके कुछ विधायक महायुति में शामिल हो सकते हैं.
क्या है महाविकास अघाड़ी की स्थिति?
महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) शामिल हैं. विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को केवल 46 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 230 सीटों पर जीत हासिल की. इस असफलता के बाद महाविकास अघाड़ी के भीतर कई विधायक असमंजस की स्थिति में हैं और उनमें से कुछ पाला बदलने का विचार कर सकते हैं. अनिल पाटिल का कहना है कि अगर कोई विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास देखना चाहता है तो उसे सत्ता पक्ष के साथ रहना बेहतर होगा.
एनसीपी के भीतर गहरी चिंता
अनिल पाटिल ने स्पष्ट किया कि एनसीपी के कुछ विधायक, जिनके साथ पार्टी के अच्छे संबंध हैं, महाविकास अघाड़ी की हार पर चिंतित हैं. उनकी चिंता यह है कि सत्ता में रहते हुए ही वे अपने क्षेत्र के लिए बेहतर विकास कर सकते हैं. पाटिल का यह बयान राजनीतिक हलकों में गर्मी बढ़ा सकता है और यह महाविकास अघाड़ी के भीतर टूट-फूट की स्थिति का संकेत देता है.
क्या होगा आगे?
एनसीपी और महाविकास अघाड़ी के भीतर इस वक्त असमंजस का माहौल है. हालांकि, महायुति में शामिल अजित पवार के नेतृत्व में एक नई राजनीतिक दिशा की शुरुआत हो सकती है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या महाविकास अघाड़ी में पाला बदलने की स्थिति सच में उत्पन्न होती है और किस प्रकार महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव आते हैं.
निष्कर्ष
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के शानदार प्रदर्शन के बाद महाविकास अघाड़ी में अस्थिरता का दौर शुरू हो सकता है. आने वाले महीनों में यह देखा जाएगा कि क्या एनसीपी और शिवसेना के कुछ विधायक पाला बदलते हैं और महायुति का हिस्सा बनते हैं.