नई दिल्ली: यहां की एक अदालत ने सोमवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) राजद्रोह मामले में सुनवाई 23 जुलाई तक स्थगित कर दी. अदालत ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार को मामले को मंजूरी देने या नहीं देने पर निर्णय लेने के लिए और ज्यादा समय दे दिया. मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सेहरावत ने राज्य सरकार की मंजूरी देने के मुद्दे पर और ज्यादा समय मांगने वाली याचिका को मंजूरी दे दी.
पांच अप्रैल को, दिल्ली सरकार ने अदालत से कहा था कि पुलिस ने संबंधित प्राधिकारी की मंजूरी लिए बगैर ही जल्दबाजी में आरोपपत्र दाखिल कर दिए. अदालत ने अपनी अंतिम सुनवाई में सरकार से मामले में मंजूरी देने की एक निश्चित समयसीमा के बारे में पूछा था.
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आरोपपत्र 14 जनवरी को दाखिल किया गया था. इसमें छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिरबन भट्टाचार्य और सात कश्मीरी छात्रों को आरोपी बनाया गया है.
गौरतलब है कि 2016 में जेएनयू परिसर में संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के खिलाफ एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसके सिलसिले में इन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है.