VIDEO: 'गांधी परिवार ने मेरा करियर खत्म किया, राहुल-सोनिया ने बनाई दूरी,' कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का छलका दर्द

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मेरी राजनीतिक यात्रा बनाने और खत्म करने दोनों में गांधी परिवार का हाथ है. अय्यर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह कभी भी भाजपा में शामिल नहीं होंगे और कांग्रेस के सदस्य बने रहेंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि पिछले 10 वर्षों में उन्हें सोनिया गांधी से एक-पर-एक मुलाकात का मौका नहीं मिला. राहुल गांधी से भी सार्थक बातचीत का अवसर केवल एक बार मिला, जबकि प्रियंका गांधी से उनकी बातचीत कुछ फोन कॉल्स तक सीमित रही.

अय्यर ने कहा, "मेरी राजनीतिक यात्रा गांधी परिवार ने बनाई और समाप्त भी उन्होंने ही की. यह जीवन का विडंबना है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस के प्रति निष्ठावान हैं और कभी भी भाजपा में शामिल नहीं होंगे.

एक दिलचस्प घटना का जिक्र करते हुए अय्यर ने बताया कि एक बार उन्हें प्रियंका गांधी को फोन कर राहुल गांधी को शुभकामनाएं भिजवानी पड़ीं. यह बयान पार्टी के भीतर उनके समीकरण और व्यक्तिगत अनुभवों की झलक देता है.

कांग्रेस नेता अय्यर ने इंटरव्यू में कहा कि 2012 से ही कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं थी. उस समय दो घटनाएं हुई थीं. एक तो यह कि सोनिया गांधी बहुत बीमार पड़ गईं, और दूसरा डॉ. मनमोहन सिंह को छह बार बाईपास करना पड़ा. जिसके कारण हम सरकार के मुखिया और पार्टी के मुखिया के तौर पर अपंग थे. कोई भी फैसले नहीं लिए जा रहे थे.

अय्यर ने 2014 लोकसभा चुनाव में हुई हार को लेकर अपनी किताब में लिखा है. अय्यर ने इंटरव्यू में बताया कि 2014 में जो माहौल था, उस समय भी इस तरह की शर्मनाक हार से बच सकते थे. अगर प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बनाने के बजाय प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाता तो पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव में इस कदर नहीं हारती.

अय्यर ने कहा कि उस समय पार्टी दोनों तरफ से टूटी हुई थी, जिसको प्रणब मुखर्जी बखूबी संभाल सकते थे. लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. अय्यर ने कहा कि खुद प्रणब मुखर्जी को उम्मीद थी, कि उन्हें देश का प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति बनाया जाएगा. लेकिन हुआ इसके इतर और पोलिटिक्स में पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के एक्टिव न होने के कारण 2014 में कांग्रेस बुरी तरह हारी थी.

मणिशंकर अय्यर ने बताया कि कांग्रेस को किस रोडमैप पर काम करना चाहिए. जिससे आने वाले चुनावों में उसे फायदा मिले. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के नेतृत्व का मोह छोड़ना होगा. मणिशंकर अय्यर ने कहा कि पहली तो कांग्रेस को INDIA गठबंधन के नेतृत्व की आकांक्षा नहीं रखनी चाहिए. कम से कम जब तक हम विपक्ष में हैं.  कांग्रेस को अगर आगे बढना है तो गठबंधन के सभी दलों के लोगों को सम्मान देना होगा.

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