तेलंगाना के CM रेवंत रेड्डी ने PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य का विकास सुनिश्चित करने के साथ ही उसके सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
नयी दिल्ली, 4 जुलाई: तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने केंद्र में नयी सरकार के गठन के बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और राज्य का विकास सुनिश्चित करने के साथ ही उसके सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की.
इन मुलाकातों में मुख्यमंत्री ने खुफिया तंत्र के आधुनिकीकरण से लेकर लंबे समय से चल रहे विभाजन विवादों तक के मुद्दों पर चर्चा की. महत्वपूर्ण ये रहा कि इस दौरान उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क भी मौजूद रहे.
पिछले महीने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी और रेड्डी के बीच यह पहली मुलाकात थी. विक्रमार्क ने पत्रकारों से कहा, "हमने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों के सामने अपनी बातें रखीं और सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा की. हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली."
मोदी के साथ अपनी बैठक में रेड्डी ने तेलंगाना की प्रगति के लिए एक महत्वाकांक्षी 10-सूत्री एजेंडा प्रस्तुत किया. इन प्रस्तावों में सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड को कोयला ब्लॉकों का आवंटन, हैदराबाद में सूचना प्रौद्योगिकी निवेश क्षेत्र का पुनरुद्धार, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 25 लाख घरों को मंजूरी देना, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन में तेलंगाना का समावेश और हैदराबाद में एक भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना शामिल था.
इनके अलावा रक्षा भूमि आवंटन, राज्य के राजमार्गों के उन्नयन और क्षेत्रीय रिंग रोड के शीघ्र निर्माण के अनुरोधों के साथ वार्ता के दौरान बुनियादी ढांचे और संपर्क बढ़ाने जैसे मुद्दों पर प्रमुखता से चर्चा हुई. शाह के साथ बैठक में रेड्डी ने दक्षिणी राज्य के खुफिया ढांचे के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता की मांग की.
उन्होंने तेलंगाना एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो (टीजीएएनबी) के लिए 88 करोड़ रुपये और तेलंगाना साइबर सिक्योरिटी ब्यूरो (टीजीसीएसबी) के लिए 90 करोड़ रुपये का अनुरोध किया, जिसमें नशीली दवाओं से संबंधित और साइबर अपराधों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की आवश्यकता पर जोर दिया गया.
आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान आवंटित वर्तमान 61 पदों के अपर्याप्त होने का हवाला देते हुए रेड्डी ने सुरक्षा परिदृश्य पर प्रकाश डाला और अतिरिक्त 29 आईपीएस पदों पर जोर दिया. उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) कैडर की समीक्षा का आग्रह किया, जो पिछली बार 2016 में हुई थी.
रेड्डी ने पूर्व में वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में सुरक्षा मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने आदिलाबाद, मंचेरियल और कोमाराम भीम आसिफाबाद जिलों में सुरक्षा बल शिविर स्थापित करने की मांग करते हुए सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत उन्हें बहाल करने का अनुरोध किया.
रेड्डी ने माओवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर रणनीतिक स्थानों पर सीआरपीएफ जेटीएफ शिविरों की भी वकालत की. विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) के लिए लंबित 18.31 करोड़ रुपये की राशि भी इस एजेंडे में थी. मुख्यमंत्री ने आंध्र प्रदेश के विभाजन से उपजे अनसुलझे मुद्दों पर भी चर्चा की.
उन्होंने मोदी और शाह दोनों से सरकारी इमारतों, निगमों और संस्थानों के वितरण से संबंधित विवादों के 'सामंजस्यपूर्ण समाधान' को आंध्र प्रदेश-तेलंगाना पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार हल करने का आग्रह किया. रेड्डी ने पिछले साल दक्षिणी राज्य में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था.
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