आज तक के सर्वे के अनुसार तेलंगाना में फिर KCR के मुख्यमंत्री बनने का अनुमान हैं.
TRS: 79-91
Congress: 21-33
अन्य: 4-31
तेलंगाना (Telangana) में शुक्रवार 7 दिसंबर को विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2018) के लिए वोटिंग हुई. राज्य में मतदान खत्म होते ही सभी की नजरें एग्जिट पोल्स (Exit Polls) पर टिकी हैं. इस एग्जिट पोल से कई हद तक इस चुनावी जंग के नतीजे साफ हो जाएंगे. हालांकि अंतिम परिणाम चुनाव के नतीजों के बाद 11 दिसंबर को ही सामने आएंगे. इस चुनाव के लिए बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) दोनों ने अपने दिन-रात एक किए हैं. तेलंगाना में अप्रैल-मई 2014 में पिछले चुनाव हुए थे, इसमें टीआरएस को जीत मिली थी और के चंद्रशेखर राव तेलंगाना के सीएम बने थे.
तेलंगाना विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है. पिछले चुनाव 2014 के विपरीत इस बार बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है, साथ ही बीजेपी 2019 के आम लोकसभा चुनाव से पहले दक्षिण भारत में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहती है. बता दें कि साल 2014 के चुनाव में बीजेपी-टीडीपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और उसने कुल 119 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
साल 2018 के इस विधानसभा चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस, कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन और बीजेपी में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. तेलंगाना में पहली बार मतदाता सत्यापन पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का उपयोग किया जा रहा है. वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे संपन्न हो चुकी है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित की गईं 13 सीटों पर मतदान शाम 4 बजे ही संपन्न हो चुका है.
राज्य में कुल 2.80 करोड़ मतदाता विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे थे. इस चुनाव के लिए कुल 32,815 मतदान केंद्र बनाए गए थे. तेलंगाना विधानसभा चुनाव मूल रूप से अगले साल लोकसभा चुनाव के साथ-साथ होना था लेकिन राज्य कैबिनेट की सिफारिश के मुताबिक 6 सितंबर को विधानसभा भंग कर दी गई थी. मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने समय से पहले चुनाव कराने का विकल्प चुन कर एक बड़ा दांव चला था. सत्तारूढ़ टीआरएस को कड़ी चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने टीडीपी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई के साथ एक गठबंधन बनाया है. टीआरएस और बीजेपी अपने-अपने दम पर चुनाव लड़ रही हैं.