तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2018: आदिलाबाद में गरजे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, कहा- कांग्रेस और टीआरएस अल्पसंख्यक तुष्टिकरण कर रही हैं

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने तेलंगाना की टीआरएस सरकार और कांग्रेस पर बुधवार को ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र मुख्य तौर पर मुसलमानों के कल्याण पर केंद्रित है

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Photo Credit: PTI)

Telangana Assembly Elections 2018: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने तेलंगाना की टीआरएस (TRS) सरकार और कांग्रेस (Congress) पर बुधवार को ‘अल्पसंख्यक तुष्टिकरण’ का आरोप लगाते हुए दावा किया कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र मुख्य तौर पर मुसलमानों के कल्याण पर केंद्रित है. यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि टीआरएस सरकार ने सरकारी नौकरियों और सरकारी शिक्षण संस्थानों में मुसलमानों का आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया, नतीजतन आदिवासियों के आरक्षण में बढ़ोतरी का प्रस्ताव बाधित हुआ. उन्होंने कहा कि के. चंद्रशेखर राव की सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए अलग आईटी कॉरीडोर बनाने के बारे में बात करती है.

एक राष्ट्रीय खबरिया चैनल का हवाला देते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इसने कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र लीक किया है जिसमें सरकारी अनुबंधों में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की परिकल्पना की गई है. टीवी चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए शाह ने कहा, ‘‘ उर्दू शिक्षकों के लिए आरक्षण पर फैसला किया जाएगा और अगर आप उर्दू नहीं जानते हैं तो आप तेलंगाना में शिक्षक नहीं बन सकते हैं.’’ उन्होंने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को ‘असंवैधानिक’ करार दिया.

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कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र मंगलवार को जारी किया गया था जिसमें सभी मंदिरों, मस्जिदों, गिरजाघरों और अन्य पूजास्थलों को निशुल्क बिजली देने का वायदा किया गया है. इसमें उचित व्यवस्था के जरिए मंदिरों, मस्जिदों और गिरजाघरों में मरम्मत के लिए कोष जारी करने के बारे में भी बात की गई है. शाह ने अपने भाषण में जानना चाहा कि क्या कांग्रेस की अगुआई वाले महागठबंधन और कार्यवाहक मुख्यमंत्री राव हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से तेलंगाना को ‘मुक्त’ करा सकती है. वह बीजेपी के मुखर आलोचक हैं.

शाह ने लोगों से पूछा, ‘‘ तेलंगाना की यात्रा कर रहे राहुल बाबा क्या आपको एआईएमआईएम से मुक्ति दिला सकते हैं? क्या उनके घटक दल टीजेएस और भाकपा आपको एआईएमआईएम से मुक्ति दिला सकते हैं? क्या राव आपको एआईएमआईएम से मुक्ति दिला सकते हैं?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राव की सरकार 17 सितंबर को तेलंगाना मुक्ति दिवस के तौर पर नहीं मनाती है, क्योंकि वे ओवैसी से डरती है। 17 सितंबर, 1948 को ही देसी रियासत हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था. शाह ने वादा किया कि भाजपा की सरकार बनने पर हर गांव में तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाया जाएगा.

भाजपा प्रमुख ने कहा कि अगर गोंड नेता कोमराम भीम निज़ाम के शासन के खिलाफ विद्रोह नहीं करते तो उन्हें आदिलाबाद आने के लिए पासपोर्ट की जरूरत होती. मूल निवासियों के वन अधिकारों के लिए निज़ाम के खिलाफ लड़ते हुए भीम 1940 में शहीद हो गए थे.

उन्होंने आरोप लगाया कि राव ने अपने शासनकाल में तेलंगाना को बर्बाद कर दिया है और कर्ज में करीब दो लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने राव पर राज्य को विकसित नहीं करने और वादों को पूरा करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया. नलगोंडा में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने दावा किया कि कांग्रेस और टीआरएस में कोई अंतर नहीं है और दोनों पार्टियों का आंतरिक लोकतंत्र में कोई विश्वास नहीं है और दोनों पार्टियां तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल हैं.

शाह ने मतदाताओं से तेलंगाना में भाजपा की सरकार बनाने का अनुरोध किया. शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने हैदराबाद के अंबरपेट और मुशीराबाद विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित रोड शो में भी हिस्सा लिया.

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