माया-अखिलेश से मुलाकात के पीछे ये है तेजस्वी यादव की चाल, कांग्रेस को होगा नुकसान
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव की मायवती और अखिलेश यादव की मुलाकात कोई यूं ही नहीं बल्कि इसकी सियासी वजह है.
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) हाल ही में बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) और समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मिलने लखनऊ गए थे. आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव की मायवती और अखिलेश यादव की मुलाकात कोई यूं ही नहीं बल्कि इसकी सियासी वजह है. दरअसल, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के मद्देनजर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कांग्रेस (Congress) को दरकिनार करते हुए बीएसपी और एसपी ने गठबंधन किया है. हालांकि दोनों पार्टयों ने अमेठी और रायबरेली सीट पर कोई उम्मीदवार न उतारने की भी बात कही है.
गठबंधन के ऐलान के दौरान किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कांग्रेस को जमकर भला बुरा कहा और उसी मायावती से मिलने तेजस्वी अगले ही दिन लखनऊ पहुंच गए. तेजस्वी ने एसपी-बीएसपी गठबंधन बनने की प्रक्रिया को खूब सराहा और मायावती को परिपक्व राजनीतिज्ञ कहकर उनसे आशीर्वाद भी लिए. इसके बाद तेजस्वी ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर मीडिया के सामने भी एसपी-बीएसपी गठबंधन की खूब वाहवाही की. दरअसल, तेजस्वी यादव तीसरे मोर्चे के बनने की प्रक्रिया को सराहना कर एक तरह का दबाव बनने की कवायद में अहम भूमिका निभा रहे हैं जिसके जरिए कांग्रेस पर मजबूत पकड़ रखी जा सके. यह भी पढ़ें- कर्नाटक में सियासी नाटक के बीच मध्यप्रदेश में भी तख्तापलट की आहट, कमलनाथ सरकार पर मंडरा रहा खतरा!
दरअसल, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में मिली जीत के बाद कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ा है. इस आधार पर कांग्रेस ज्यादा सीटों की मांग कर रही है. कांग्रेस के मुताबिक, पहले उसके चार विधायक थे और तब उसने आरजेडी के साथ मिलकर 12 सीटों पर चुनाव लड़ा था. कांग्रेस का कहना है कि अब उसके पास 3 लोकसभा सदस्य 27 विधायक और 3 एमएलसी हैं. इसलिए बढ़ते जनाधार को ध्यान में रखते हुए उस हिसाब से सीटों का बंटवारा होना चाहिए.
उधर, मकर संक्रांति के अवसर पर भी चूड़ा दही भोज के दौरान महागठबंधन के सभी नेताओं ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की लेकिन तेजस्वी यादव के जाते ही बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर दबाव बनाने वाला बयान दिया. मदन मोहन झा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीएसपी और एसपी ने कांग्रेस को कम आंकने की गलती की है. इसका खामियाजा उसे आने वाले लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बिहार में सीट शेयरिंग की जब बात होगी तो केवल कांग्रेस ही कुर्बानी नहीं देगी. उन्होंने कहा कि महागठबंधन में आरजेडी को भी कुर्बानी देनी पड़ेगी. यह भी पढ़ें- नीतीश कुमार का खुलासा, अमित शाह ने दो बार दिया था सुझाव तब जाकर हुई प्रशांत किशोर की JDU में एंट्री
गौरतलब है कि बिहार में अभी तक महागठबंधन के पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग का ऐलान नहीं हुआ है. एक तो महागठबंधन में कई सारी पार्टियां हैं और दूसरा इन पार्टियों के सीटों को लेकर अपने-अपने दावे हैं और इसी वजह से अभी तक सीट शेयरिंग का ऐलान नहीं हो सका है. महागठबंधन में अभी आरजेडी (RJD), कांग्रेस (Congress), आरएलएसपी (RLSP), साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) और समाजवादी नेता शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल शामिल हैं.