पेट्रोल, डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगो के लिए आयी यह अच्छी खबर, पढ़िए
इस बयान से एक दिन पहले ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा था कि पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पेट्रो पदार्थो पर कुल 90 फीसदी कर वसूला जा रहा है.
नई दिल्ली. वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के सदस्य और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने केंद्र और राज्य सरकारों के राजस्व का हवाला देते हुए पेट्रो उत्पादों के निकट भविष्य में जीएसटी के दायरे में लाए जाने से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में इस मुद्दे पर सभी लोग सहमत नहीं हैं, और अगर जल्दबाजी में ऐसा निर्णय लिया गया तो केंद्र और राज्य सरकारों, दोनों को भारी राजस्व नुकसान होगा. बिहार के वित्तमंत्री मोदी ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पेट्रो पदार्थो को जीएसटी के दायरे में लाने के बाद भी पेट्रो पदार्थो पर कर 28 फीसदी के दायरे में रहेगा और राज्य सरकारें राजस्व की अधिक कमाई के लिए अतिरिक्त कर लगा सकती हैं.
शुक्रवार को उनके इस बयान से एक दिन पहले ही नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा था कि पेट्रोल और डीजल को फिलहाल जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता. केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा पेट्रो पदार्थो पर कुल 90 फीसदी कर वसूला जा रहा है.
उन्होंने कहा था कि कोई राज्य इतना बड़ा हिस्सा नहीं छोड़ना चाहेगा और जीएसटी की एक नया स्लैब बनाना भारी प्रयोग साबित होगा.
मोदी ने हालांकि कहा कि परिषद प्राकृतिक गैस और 'विमानन टरबाइन ईंधन' को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है.
यहां 'जीएसटी - ग्रोइंग स्ट्रोंगर टुगेदर' के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित पदार्थो के लिए जीएसटी की 28 फीसदी वाली स्लैब तभी कम की जा सकती है, जब मासिक राजस्व संग्रह स्थिरिता की तरफ बढ़े और इसमें समय लगेगा.