नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। अदालत ने नवलखा को भीमा कोरेगांव मामले में अग्रिम जमानत के लिए संबंधित अदालत में जाने को कहा. महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले में एफआईआर को रद्द करने की याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक सीलबंद लिफाफे में नवलखा के खिलाफ दस्तावेज पेश किए.
शीर्ष अदालत ने पाया कि नवलखा के खिलाफ जांच अभी भी चल रही है, इसलिए जांच के इस चरण में कार्यवाही को रोकना सही नहीं होगा. यह भी पढ़े-भीमा कोरेगांव मामले के आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को किया रद्द
सामाजिक कार्यकर्ता ने अदालत के सामने कहा कि वह पूछताछ के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी से सुरक्षा के लिए गुहार लगाई.