Rakesh Tripathi On Rahul Gandhi: बीजेपी नेता और प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी राहुल गांधी के हाथरस जाने को लेकर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हाथरस जाकर दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति कर रहे हैं. इस तरह की घटना जब बीजेपी शासित राज्यों में होती है, तो वो हंगामा करते हैं, लेकिन जब ऐसी ही घटना गैर-बीजेपी शासित राज्यों में होती है, तो वो वहां जाने से परहेज करते हैं. राहुल गांधी हाथरस में बाबा साकार हरि के सत्संग में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मिले थे. इसके बाद, उन्होंने केंद्र सरकार से जान गंवाने वाले परिजनों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग की थी. दरअसल, केंद्र सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार दिए जाने का ऐलान किया है. इसे अब बढ़ाने की मांग कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने की है.
राहुल की इसी मांग पर अब बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, “हाथरस में आयोजित सत्संग में मची भगदड़ एक दुखद घटना है. राहुल गांधी इस घटना पर कोरी बयानबाजी कर रहे हैं. राहुल गांधी को इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए. उत्तर प्रदेश सरकार ने जो कुछ भी किया,वह बहुत तेजी से किया गया, यहां हालात को संभालने के लिए सरकार ने सारे प्रयास तेज गति से किए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संवेदनशील हैं. उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. मुआवजे की राशि पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी राहुल गांधी राजनीति करने और सरकार पर दोषारोपण करने से बाज नहीं आ रहे हैं.“ उन्होंने आगे कहा, “इस दुखद दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों को लेकर भी राहुल गांधी राजनीतिक लाभ प्राप्त करने का घृणित प्रयास कर रहे हैं. ऐसी घटनाएं जब केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में होती हैं, तो राहुल गांधी आंख मूंद लेते हैं। तब वो कोई बयान जारी नहीं करते हैं.
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लखनऊ: भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा " हाथरस की दुखद घटना पर राहुल गांधी दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति कर रहे हैं। यूपी सरकार को जो करना था वह बहुत तेज़ गति से किया है। न्यायिक जांच आयोग बनाया गया है और मुआवजा राशि पहुंचा दी गई है।" pic.twitter.com/6Jnxg9KidZ
— IANS Hindi (@IANSKhabar) July 6, 2024
तब वो कोई पीड़ा साझा नहीं करते हैं. तब वो अपने होठ सील लेते हैं, लेकिन जब इस तरह की घटनाएं भाजपा शासित राज्य में होती है, तो उनकी पीड़ा जाग जाती है. यह संवेदनहीन राजनीति है और जिस तरह की राजनीति कांग्रेस पार्टी कर रही है, उसे वो महंगी पड़ेगी. राहुल गांधी को इसकी भारी कीमत चुकानी होगी.“ बता दें कि हाथरस भगदड़ मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसमें से एक व्यक्ति का कनेक्शन समाजवादी पार्टी से है. इस पर राकेश त्रिपाठी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “इस मामले में अब तक लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं और उत्तर प्रदेश सरकार यह कोशिश कर रही है कि इसकी निष्पक्षता से हर पहलू की जांच हो. हर व्यक्ति जो संदेह के दायरे में है, उससे पूछताछ हो. इस मामले में वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्रित किए जा रहे हैं और उसके आधार पर कार्रवाई हो रही है, लेकिन आज इस कार्रवाई से अखिलेश यादव को पीड़ा हो रही है, क्योंकि वो पक्षपातपूर्ण कार्रवाई चाहते हैं. वो चाहते हैं कि इसमें उनके समर्थित लोगों को बचाया जाए. इस हादसे में 100 से ज्यादा लोगों की मृत्य हुई है, यह अपने आप में दुखद है. इसमें दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा.“ वहीं लालू प्रसाद के इस दावे पर कि अगस्त में केंद्र की मोदी सरकार गिर जाएगी. इस पर जब राकेश त्रिपाठी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “आप दिन में सपने देखना बंद कीजिए, परिणाम आ चुका है, इसे स्वीकार कीजिए.
तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद की शर्मनाक पराजय को स्वीकार कीजिए। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है. पहले जो आप लोगो ने आरक्षण का झूठ फैलाया था, वो आरक्षण का झूठ अबकी बार नहीं चल पाया. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बन चुकी है. इस सच को उन्हें स्वीकार कर लेना चाहिए.“ दरअसल, शुक्रवार (5 जुलाई ) को लालू प्रसाद ने राजद के स्थापना दिवस समारोह के कार्यक्रम में मंच से यह दावा किया था कि अगस्त में केंद्र की मोदी सरकार गिर जाएगी. इसके अलावा, उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को आगामी चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा है. इस पर अब बीजेपी लगातार निशाना साध रही है. वहीं, बीजेपी नेता राकेश त्रिपाठी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रस्ताव पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “शैक्षिक परिसरों में सांप्रदायिक सद्भावना को बिगाड़ने की कोशिश लगातार की जा रही है. यह बहुत ही घृणित है. पिछले कई वर्षों से जो परंपराएं चल रही हैं, उमसें कोई फेरबदल नहीं होने जा रहा है.“ दरअसल, बीते दिनों जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने प्रस्ताव पारित कर मुस्लिम समुदाय के बच्चों से सरस्वती पूजा और सूर्य नमस्कार का विरोध करने का आह्वान किया है. उन्होंने इसे धर्म के खिलाफ और इस्लाम विरोधी बताया है. इसके अलावा, जमीयत ने मुस्लिम बच्चों को एक ईश्वर की अवधारणा को समझने का आग्रह किया है.