तूतीकोरिन स्टरलाइट हिंसा: पुलिस फायरिंग में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हुई, DMK ने बुलाया बंद
हिसंक प्रदर्शन (Photo Credits: ANI)

तूतीकोरिन: तमिलनाडु के तूतीकोरिन में मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है. जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल हैं. दूसरी तरफ अफवाहें फैलने के चलते सूबे की सरकार ने तुतीकोरिन में 5 दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी है. गंभीर हालात को देखते हुए शहर में जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.साथ ही इलाके में धारा 144 लागू किया गया है. अब तक इस मामले में 67 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में राजनीति जमकर हो रही है. इसी कड़ी में प्रदर्शन में मारे गए लोगों को लेकर डीएमके ने राज्यभर में 25 मई को बंद का ऐलान किया है. इसके साथ ही पार्टी वेदांता स्टरलाइट कॉपर यूनिट को हमेशा के लिए बंद करने का भी मुद्दा उठाएगी.

बता दें कि डीएमके के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इस हिंसक प्रदर्शन की तुलना जलियांवाला बाग से की है. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 'राज्य सरकार को पता था कि ये प्रदर्शन का 100वां दिन है. इसमें जरूर कुछ बड़ा होगा. उन्हें कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ इंतजाम करके रखने चाहिए थे. लेकिन उन्होंने गोलीबारी का सहारा लिया. ये जलियां वाला बाग की तरह नरसंहार था.

गौरतलब है कि मंगलवार को भी हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में 10 लोगों की मौत हो गई थी. मामले की गंभीरता के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से तूतीकोरिन की घटना पर रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वह इस घटना के संबंध में राज्य सरकार के संपर्क में हैं. वही चौकानेवाली बात यह है कि प्रदर्शनकारियों ने उस अस्पताल में घुसने का प्रयास किया जहां घायलों को इलाज चल रहा है.

स्टरलाइट कॉपर ने बुधवार को कहा कि तूतीकोरिन जिले में उसके कारखाने में फिलहाल परिचालन बंद है. इस कारखाने में परिचालन फिर शुरू करने के लिए फिलहाल कंपनी को प्रशासन की मंजूरी का इंतजार है. स्टरलाइट ने कहा कि यह कारखाना 27 मार्च से ही बंद है. सालाना रखरखाव के लिए कंपनी ने उस दिन से परिचालन बंद किया था. तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कॉपर स्मेल्टर सुविधा के परिचालन को लाइसेंस नवीकरण का कंपनी का आवेदन खारिज कर दिया था.

ज्ञात हो कि स्टरलाइट कॉपर कंपनी का स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. इलाके के लोगो और पर्यावरणीय अधिकारों की रक्षा करने वाले समूहों का कहना है कि इस प्लांट की वजह से ग्राउंड वॉटर और वायु प्रदूषित हो रहा है. ये कंपनी कॉपर का खनन करती है.