मुंबई: 2019 लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shivsena) और बीजेपी (BJP) के बीच गठबंधन होता है या नहीं इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन इस दौरान दोनों पार्टी के नेताओं के बीच बयान बाजी तेज हो गई है. रविवार को महाराष्ट्र के दौरे पर आये बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना का नाम ना लेते हुए बयान दिया था कि सहयोगी पार्टियों के साथ पार्टी का गठबंधन हुआ तो ठीक है, अगर ऐसा नहीं हुआ, तो पार्टी आगामी लोकसभा चुनावों में अपने पूर्व सहयोगियों को पटक देगी. अमित शाह के इस बयान पर शिवसेना नेता रामदास कदम (Ramdas Kadam) पलटवार करते हुए कहा है कि 'जो शिवसेना को पटकने की बात करेगा हम उसे गाड़ देंगे, चाहे वह कितना भी वजनदार क्यों न हो!
रामदास कदम के इस बयान के बाद बीजेपी नेता व राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील का बयान आया है. उन्होंने कदम को जवाब देते हुए कहा है कि हम उनके जैसी भाषा नहीं बोल सकते. शिवसेना की तीखी आलोचना पर पाटील ने कहा कि हमारी कोई मजबूरी नहीं बल्कि सहनशीलता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना की विचारधारा समान है. इसलिए कोशिश की जा रही है कि दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़े. क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी को हराने के लिए हमारा मिलकर चुनाव लड़ना जरूरी है. ऐसे में यदि दोनों पार्टी के बीच गठबंधन नहीं होता है तो हम अलग-अलग चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. यह भी पढ़े: शिवसेना का काउंटर-अटैक: संजय राउत ने कहा- हम खोखली धमकियों से नहीं डरते
वहीं शिवसेना और बीजेपी के नेताओं के बीच जारी इस बयानबाजी पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने चुटकी लेते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले यह शिवसेना-बीजेपी की नूरा कुश्ती हैं. इससे पहले भी बीजेपी- शिवसेना ऐसा कर चुकी हैं. वहीं आगे चव्हाण ने कहा कि इनके बड़बोलेपन को जनता समझ गई है. ये दोनों पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ें या अलग-अलग इनकी हार तय है. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का शिवसेना पर निशाना, कहा-राम मंदिर को लेकर कभी नहीं रही गंभीर
बता दें कि रामदास कदम से पहले शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमला करती रही है. यहां तक कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी बीजेपी पर हमला करते हुए पीएम मोदी को 'चौदीकार चोर है' तक कह डाला था. जिस पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने समय आने पर जवाब देने की बात कही है.