राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दल शिवसेना (Shiv Sena) ने गुरुवार को नोटबंदी सहित कुछ अन्य कदमों को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि शिवसेना का गठन भाजपा (BJP) के साथ सरकार बनाने के लिए नहीं हुआ और वह पहले भी अकेले चली थी और आगे भी चल सकती हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए शिवसेना सदस्य आनंद राव अड़सुल (Anand Rao Adsul) ने कहा कि सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे एक नेता ने कहा है कि शिवसेना सरकार में नहीं, बल्कि उस एनडीए में है जिसे अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, बालासाहेब ठाकरे, प्रमोद महाजन ने बनाया था. अभी हम एनडीए में हैं, लेकिन आगे पता नहीं कि क्या होगा.
आनंद राव अड़सुल ने संबोधन के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि क्या भाजपा के लोग शिवसेना का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि उसके 10 सदस्य ही सदन में दिख रहे हैं? इस पर शिवसेना सदस्य ने कहा था कि बालासाहेब ने शिवसेना इसलिए नहीं बनाई थी कि भाजपा के साथ सरकार बनाना है. ‘हम पहले भी अकेले चल रहे थे और अब उद्धव जी भी बालासाहेब की तरह पार्टी को आगे बढ़ा रहे हैं और हम भी आगे अकेले चल सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि अकेले चलने की एक अच्छा उदाहरण ममता बनर्जी हैं. यह भी पढ़ें- राहुल गांधी ने बीजेपी को दिया चैलेंज, कहा- एक बार मोदी जी से मेरी डिबेट करा दो, भाग जाएंगे, डरपोक आदमी हैं, देखें VIDEO
शिवसेना नेता ने कहा कि हमारे साथ क्या व्यवहार हुआ है वो सब जानते हैं. अड़सुल ने कहा कि राष्ट्रपति ने अभिभाषण में नोटबंदी को महत्वपूर्ण कदम बताया जो गलत है. नोटबंदी का उल्लेख राष्ट्रपति के अभिभाषण में नहीं होना चाहिए था क्योंकि सरकार के इस कदम से छोटे व्यापारियों, किसानों और मजदूरों को बहुत नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ अच्छे काम किया, लेकिन उसे अपनी गलतियां स्वीकार करनी चाहिए.