बीजेपी में शामिल हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर, जेपी नड्डा रहे मौजूद

एस जयशंकर ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजदूगी में संसद में भवन में आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. अनुभवी नौकरशाह एवं पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली नई सरकार में विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण प्रभार दिया गया है. जयशंकर न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा के सदस्य हैं और उस समय वह बीजेपी के भी सदस्‍य नहीं थे.

एस जयशंकर बीजेपी में हुए शामिल (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्‍ली. एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) की मौजदूगी में संसद में भवन में आज भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. अनुभवी नौकरशाह एवं पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर (S Jaishankar) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली नई सरकार में विदेश मंत्रालय का महत्वपूर्ण प्रभार दिया गया है. बताना चाहते है कि जयशंकर (S Jaishankar) को चीन एवं अमेरिका मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. बता दें कि 64 वर्षीय जयशंकर (S Jaishankar) न तो राज्यसभा और न ही लोकसभा के सदस्य हैं और उस समय वह बीजेपी के भी सदस्‍य नहीं थे. अब जाकर उन्‍होंने बीजेपी (BJP) की विधिवत सदस्‍यता ग्रहण की है.

बता दें कि एस जयशंकर (S Jaishankar) ने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 तक विदेश सचिव के रूप में कार्य किया और पिछली सरकार में विदेश मंत्री के रूप में उन्हें और स्वराज दोनों को भारत की विदेश नीति में जीवंतता लाने का श्रेय दिया गया.जयशंकर (S Jaishankar) सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त और चेक गणराज्य में राजदूत पदों पर भी काम कर चुके हैं. यह भी पढ़े-विदेश मंत्री एस जयशंकर को मिलेगा मनोज सिन्हा का तुगलक रोड स्थित आवास: रिपोर्ट

ज्ञात हो कि जयशंकर (S Jaishankar) पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा के प्रेस सेक्रेटरी भी रह चुके हैं. सेंट स्टीफन कॉलेज से स्नातक जयशंकर (S Jaishankar) ने राजनीति विज्ञान में एमए और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल और पीएचडी की उपाधि हासिल की है. एस जयशंकर (S Jaishankar) की शादी क्योको जयशंकर से हुई है और उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं. इस साल जनवरी में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था, जो देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है.

गौरतलब है कि 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी जयशंकर (S Jaishankar) ने लद्दाख के देपसांग और डोकलाम गतिरोध के बाद चीन के साथ संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

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