कृषि कानूनों को लेकर कंगना रानौत के बयान पर बवाल, कांग्रेस ने किया पलटवार तो बीजेपी ने दी सफाई
Kangana Ranaut | PTI

नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवाद में हैं. इस बार उन्होंने तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने की मांग की है, जिन्हें केंद्र सरकार ने किसानों के विरोध के बाद वापस ले लिया था. कंगना ने इन कानूनों को किसानों के हित में बताया और कहा कि किसानों को खुद इन कानूनों की वापसी की मांग करनी चाहिए. अपने निर्वाचन क्षेत्र में पहुंची कंगना ने बीजेपी के सदस्यता अभियान में हिस्सा लिया और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. इसके बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए फायदेमंद थे और उन्हें फिर से लागू किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, "किसानों के जो कानून थे, जो वापसी ले लिए गए थे, मुझे लगता है कि वे फिर से आने चाहिए. हो सकता है मेरा यह बयान विवादास्पद हो, लेकिन मैं मानती हूं कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इन कानूनों की वापसी होनी चाहिए."

कांग्रेस ने किया पलटवार

कंगना के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी. कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर कंगना का वीडियो शेयर करते हुए कहा, "किसानों पर लादे गए 3 काले कानून वापस लाने चाहिए:- BJP की सांसद कंगना रनौत ने ये बात कही. देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए, तब जाकर मोदी सरकार की नींद टूटी और ये काले कानून वापस हुए. अब BJP के सांसद फिर से इन कानून की वापसी का प्लान बना रहे हैं. कांग्रेस किसानों के साथ है. इन काले कानून की वापसी अब कभी नहीं होगी, चाहे नरेंद्र मोदी और उनके सांसद जितना जोर लगा लें."

बीजेपी ने दी सफाई

कंगना के बयान के बाद विवाद बढ़ने पर बीजेपी ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट की. बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कहा, "कंगना रनौत का यह बयान उनका व्यक्तिगत विचार है. गौरव भाटिया ने कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर, बीजेपी सांसद कंगना रनौत का केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए कृषि बिलों पर बयान वायरल हो रहा है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह बयान उनका निजी बयान है. कंगना रनौत बीजेपी की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और यह कृषि बिलों पर बीजेपी के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है. हम इस बयान की निंदा करते हैं."

विवाद भरे तीन कृषि कानून

तीन कृषि कानून, जिन्हें केंद्र सरकार ने 2020 में लागू किया था लेकिन इन्हें लेकर देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था. किसानों ने इन कानूनों को 'काले कानून' कहा और महीनों तक आंदोलन किया. अंततः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी, जिसके बाद किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त किया.