क्या गोवा में मनोहर पर्रिकर का विकल्प बनेंगे सुदिन धवलीकर ?

अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की दोबारा तबियत बिगड़ने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. ऐसा माना जा रहा है बीजेपी कुछ दिनों में गोवा की कमान किसी और नेता के हाथ में दे सकती है.

रामकृष्ण सुदीन धावलीकर (Photo Credits: Twitter)

पणजी: अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की दोबारा तबियत बिगड़ने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. ऐसा माना जा रहा है बीजेपी कुछ दिनों में गोवा की कमान किसी और नेता के हाथ में दे सकती है. इस क्रम में मनोहर पर्रिकर के विकल्प के तौर पर सबसे पहला नाम महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के रामकृष्ण सुदिन धवलीकर का लिया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शुक्रवार को मनोहर परिकर से बात कर उनका हालचाल जाना. जिसके बाद ही बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व परिकर के एक अस्थायी विकल्प की खोज में जुट गया है. इसके लिए पार्टी ने विजय पुराणिक को पर्यवेक्षक बनाकर गोवा भेजा है. इसके अलावा संगठन सचिव बीएल संतोष भी गोवा रवाना हो रहे हैं.

पर्रिकर की गठबंधन  वाली सरकार में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी भी शामिल है. हालांकि बीजेपी के किसी भी नेता ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है. इसलिए गोवा कैबिनेट में एमजीपी के कई मंत्री हैं. इस बीच गठबंधन सरकार में सहयोगी गोवा फॉरवर्ड का कहना है कि वो सुदीन धावलीकर को मुख्यमंत्री के रूप में कभी स्वीकार्य नहीं करेंगे. दूसरी तरफ गोवा कांग्रेस मनोहर पर्रिकर की सरकार को बर्खास्त कर उसे सरकार बनाने का मौका दिए जाने की मांग कर रही है.

बता दें कि आज मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर विशेष चार्टर्ड विमान से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचने वाले है. वहां से उन्हें जांच के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया जाएगा. इससे पहले पर्रिकर ने विभागों का बंटवारा किए जाने की चर्चा के बीच स्पीकर प्रमोद सावंत और डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो के साथ बैठक भी की.

लोबो ने पणजी से 15 किलोमीटर दूर एक गांव कैंडोलिम के निजी अस्पताल में पर्रिकर से मुलाकात के बाद पत्रकारों को बताया, "मौजूदा मंत्रियों को आज विभागों का बंटवारा किया जाएगा ताकि गोवा प्रशासन का सुचारू रूप से चल सके और मंत्रीगण किसी भी फाइल पर फैसले ले सकें. वह 48 विभागों का बंटवारा करेंगे, लेकिन दो या तीन विभाग जैसे गृह, वित्त, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन अपने पास रखेंगे."

महत्वपूर्ण विभागों के अलावा पर्रिकर के पास फ्रांसिस डिसूजा और पांडुरंग मडकाईकर को आवंटित विभाग भी हैं, ये दोनों भी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं.

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