नई दिल्ली. बलात्कार के दो मामलों में 20 साल की सजा भुगत रहा गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) जेल से बाहर आने के लिए बेताब है, तो सूबे की हरियाणा सरकार उसे वापस डेरे में पहुंचाने की तैयारी कर रही है. सरकार और बाबा की जल्दबाजी का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि नियम कानून भी आड़े नहीं आ रहे हैं. पैरोल पाने के लिए जो नियम हैं उसके मुताबिक दो साल की सजा पूरी करनी होती है लेकिन राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को अभी दो साल नहीं हुए हैं. उसके पहले पैरोल के लिए अर्जी दाखिल कर दी गई है. इस पुरे मामले पर अब सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि हम किसी को पैरोल देने से नहीं रोक सकते है.
ज्ञात हो कि इससे पहले अनिल विज (Anil Vij) ने तो यहां तक कह दिया कि गुरमीत सिंह राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) एक आम इंसान के अधिकार के चलते पैरोल का हकदार है. यह भी पढ़े-डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने मांगी पैरोल, जेल में काट रहा है उम्रकैद की सजा
Haryana CM Manohar Lal Khattar on Ram Rahim: There are certain legal procedures and a person who has the right to seek parole can seek it. We can't stop anyone. As of now, no decision has been taken on Ram Rahim's parole. pic.twitter.com/1yHFoNDaXu
— ANI (@ANI) June 25, 2019
बता दें कि हरियाणा (Haryana) के जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को परोल पर बाहर भेजने की वकालत की है. गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है.
गौरतलब है कि हरियाणा (Haryana) में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) के डेरे का मुख्यालय सिरसा में है. हरियाणा (Haryana) में उसके अनुयायियों की संख्या लाखों में है. अगर गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को पैरोल दी जाती है, तो इसमें एक और जहां सरकार का फायदा है.
दूसरी तरफ हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने माना है कि हरियाणा (Haryana) के गृह विभाग के पास गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) का पैरोल आवेदन पहुंचा है, लेकिन सरकार ने फिलहाल उसके आवेदन पर कोई फैसला नहीं लिया है.