राम माधव ने राहुल गांधी पर कसा तंज, कहा- योग से ‘बचकानी मनोवृत्ति’ से निपटने में मिलती है मदद
राम माधव का इशारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के गुरूवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के समय मोबाइल फोन देखने संबंधी आलोचनाओं के घेरे में आने की ओर था. माधव ने गांधी को निशाना बनाने वाली यह टिप्पणी तिरूवनंतपुरम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भाजपा की तरफ से आयोजित एक समारोह का उद्घाटन करते हुये की.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महासचिव राम माधव (BJP) ने शुक्रवार को कहा कि संसद में ‘‘बच्चे’’ भी हैं और योग उनकी ‘‘बचकानी मनोवृत्ति’’ से निपटने में सहायता कर सकता है. उनका इशारा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के गुरूवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के समय मोबाइल फोन देखने संबंधी आलोचनाओं के घेरे में आने की ओर था. माधव ने गांधी को निशाना बनाने वाली यह टिप्पणी तिरूवनंतपुरम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भाजपा की तरफ से आयोजित एक समारोह का उद्घाटन करते हुये की. माधव की यह टिप्पणी, योग गुरू रामदेव के उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कुछ दिनों पहले कहा था कि जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी निजी रूप से योग करते थे लेकिन उनकी संतति ने ऐसा नहीं किया और इसलिए आज वे सत्ता से बाहर हैं.
माधव ने वहां एकत्र हुये स्कूली बच्चों सहित कई लोगों को संबोधित करते हुये कहा कि वह अपने राष्ट्रपति के अभिभाषण तक पर भी ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते. उन्हें अपना मोबाइल फोन चाहिये था ताकि मैसेज देख सकें या फिर वीडियो गेम्स खेल सकें. यह बचकानी हरकत अस्थिर दिमाग को दिखाती है. अगर इस पर काबू करना है तो आपको योग करने की आवश्यकता है. गौरतलब है कि गुरूवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के संसद के संयुक्त सत्र के संबोधन के समय गांधी को अपने मोबाइल फोन से कुछ करते देखे जाने के बाद विवाद शुरू हो गया. कांग्रेस ने भाजपा के नेताओं की इस पर की गई टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुये कहा है कि सत्तारूढ़ दल को ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिये. यह भी पढ़ें- बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा- जम्मू-कश्मीर में जल्द विधानसभा चुनाव चाहती है पार्टी
माधव ने सबरीमला मामले का जिक्र करते हुये कहा कि लोगों को अपनी परंपरा बचाने के लिए सड़क पर उतरने पर मजबूर होना पड़ा और ये हालात मुगलों के शासनकाल में होते थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोचते हैं कि इस देश में प्रत्येक परंपरा को नकारा जा सकता है या घृणा की जा सकती है. चाहे वह सबरीमला हो या फिर योग क्योंकि ये भारतीय हैं. क्योंकि यह इस देश की प्राचीन बुद्धिमत्ता पर आधारित है.वे इससे घृणा करते हैं.