राजीव गांधी हत्या कांड: मोदी सरकार ने SC से कहा-पूर्व पीएम राजीव गांधी के हत्यारों को नहीं कर सकते रिहा

बता दें कि 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री रहे. तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई, 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई के एक आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.

दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ( Photo Credit: Facebook )

नई दिल्ली. मोदी सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात दोषियों की रिहाई का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक रिपोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या की आरोप में सजा काट रहे सातों दोषियों की रिहाई से सहमत नहीं है. अपनी रिपोर्ट में सरकार ने कहा कि राजीव गांधी की हत्या नृंशस तरीके से की गई थी. जिसके कारण लोकसभा और विधानसभा चुनाव टालना पड़ गया था.

बता दें कि महिला मानव बम की मदद से राजीव गांधी की हत्या की साजिश रची गई थी. 21 मई 1991 को राजीव गांधी को देशवासियों ने वक्त से पहले खो दिया था. इस धामके में 16 निर्दोष लोग मारे गए थे जिसमें राजीव गांधी की सुरक्षा में तैनात कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे. इस हत्याकांड को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों ने रेयरेस्ट ऑफ द रेयर केस माना है. बता दें कि राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.

मई 2016 में राजीव गांधी हत्‍याकांड में सातों अभियुक्‍तों को माफी देने के लिए तमिलनाडू सरकार ने केंद्र सरकार को एक सिफारिशी पत्र लिखा था. इसके अलावा उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गुहार भी लगाई थी. जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से सातों दोषियों को छोड़ने पर जवाब मांगा था. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार 6 हफ्तों के भीतर अभियुक्‍तों को माफी देने पर फैसला करे. वहीं तमिलनाडू सरकार के पत्र का जवाब जल्द देने को कहा है.

राजीव गांधी हत्याकांड में पकड़े गए सात दोषी 25 साल से जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. बता दें कि 20 अगस्त 1944 को जन्मे राजीव गांधी 1984 से 1989 तक प्रधानमंत्री रहे. तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई, 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई के एक आत्मघाती हमलावर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में संथन, मुरुगन ,पेरारीवलन और उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन, रॉबर्ट पायस, रविचंद्रन और जयकुमार शामिल हैं. जो जेल में सजा काट रहे हैं.

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