राजगढ़ लोकसभा सीट: क्या बीजेपी फिर फहरा पाएगी जीत का परचम या होगी कांग्रेस की वापसी ?
राजगढ़ लोकसभा सीट (File Photo)

भोपाल: मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपना ‘राज’ बचाने, जबकि दिग्विजय अपने ‘गढ़’ को वापस हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 140km दूर और राजस्थान से लगी राज्य की सीमा पर स्थित राजगढ़ में बीजेपी ने चौहान के विश्वस्त एवं मौजूदा सांसद रोडमल नागर को फिर से उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय ने अपनी विश्वस्त सहयोगी एवं पार्टी की स्थानीय नेता मोना सुस्तानी पर दांव लगाया है. वह लोकसभा चुनाव में इस इलाके से पहली महिला उम्मीदवार हैं.

मालवा पठार में स्थित राजगढ़ संसदीय क्षेत्र कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के राघोगढ़ क्षेत्र में पड़ती है और वह खुद दो बार इस सीट का संसद में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं जबकि उनके भाई लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के टिकट पर पांच बार और बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर एक बार यहां से निर्वाचित हुए.

बीजेपी प्रत्याशी नागर ने 2014 के चुनाव में इस सीट पर दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. लोग उनकी इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित लहर को देते हैं. वहीं सुस्तानी राजगढ़ विधानसभाा सीठ से दो बार के कांग्रेस विधायक गुलाब सिंह सुस्तानी की पुत्रवधू हैं.

राजगढ़ का 2014 में हाल-

रोडमल नागर (बीजेपी)- 5 लाख 96 हजार 727 वोट

नारायण सिंह आमलाबे (कांग्रेस)- 3 लाख 67 हजार 990 वोट

राजगढ़ में 12 मई को मतदान हुए. इससे पहले सुस्तानी ने खुद स्वीकार किया है कि वह यहां महज एक ‘चेहरा’ हैं और चुनाव राजा साहब (दिग्विजय सिंह) लड़ रहे हैं. वहीं, नागर (58) देश भर के बीजेपी के अधिकांश उम्मीदवारों की तरह अपने लिए वोट सुनिश्चित करने की बात करते हैं ताकि नरेंद्र मोदी 23 मई की मतगणना के बाद फिर से प्रधानमंत्री बन सकें.

राजगढ़ में करीब 15 लाख मतदाता हैं. पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने पांच सीट और बीजेपी ने दो सीट पर जीत हासिल की थी जबकि एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी.