राजस्थान: सीएम अशोक गहलोत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बोला हमला, लगाया लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप

ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों के इस्तीफा दे देने से मध्यप्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के गिरने के कगार पर चले जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सिंधिया पर लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया.

सीएम अशोक गहलोत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Photo Credits IANS)

जयपुर: ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ ही उनके गुट के विधायकों के इस्तीफा देने के बाद से ही मध्यप्रदेश की राजनीति गरमा गई है कि अब कमलनाथ सरकार का क्या होगा. इस बीच सिंधिया का कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद लोगों के बयान आने शुरू हो गए हैं. बीजेपी के नेता जहां सिंधिया के लिए अच्छा कदम बता रहे हैं. क्योंकि पार्टी में उनकी अनदेखी की जा रही थी. इसलिए उन्होंने जो फैसला लिया वह सही है. वहीं कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने तो लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया है.

गहलोत ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, "ऐसे नेताओं के बारे में क्या कहा जाए, जिन्होंने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण राष्ट्रीय संकट के समय भाजपा से हाथ मिला लिया. खासकर ऐसे समय में, जब बीजेपी अर्थव्यवस्था, लोकतांत्रिक संस्थाओं, सामाजिक तानेबाने और न्यायपालिका तक को ध्वस्त कर रही है." यह भी पढ़े: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बदली मध्य प्रदेश की सियासी तस्वीर, बेटे ने कहा- मुझे अपने पिता पर गर्व है

गहलोत ने दूसरे ट्वीट में कहा, "सिंधिया ने लोगों और विचारधारा के साथ विश्वासघात किया. ऐसे लोगों ने साबित कर दिया कि वे सत्ता के बगैर नहीं रह सकते. देर-सवेर यह तो होना ही था,."गहलोत ने ये टिप्पणियां तब की, जब सिंधिया पार्टी से इस्तीफा देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मिले. इससे पहले, सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में सिंधिया ने लिखा, "..जैसा कि आप अच्छी तरह जानती हैं, यह रास्ता पिछले साल अपने आप ही बन चुका था.

बता दें कि मध्यप्रदेश में शुरू सियासी ड्रामा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद उनके विधायकों का इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो पाया है. दोपहर तक सिंधिया गुट के 19 विधायकों ने इस्तीफा दिया था. लेकिन शाम होते- होते तीन और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. जो इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई. ऐसे में यह कहा जा रहा है कमलनाथ लाख कोशिश करने के बाद भी वे अपनी सरकार नहीं बचा सकते हैं. (इनपुट आईएएनएस)

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