मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सियासत की तस्वीर बदल चुकी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं. उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस के अन्य 19 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस फैसले में उनका परिवार भी उनके साथ खड़ा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया (Mahanaryaman Scindia) ने एक ट्वीट में कहा कि मुझे अपने पिता पर गर्व है कि उन्होंने खुद के लिए इस तरह का निर्णय लिया है. महाआर्यमन सिंधिया ने अपने ट्वीट में लिखा, "मुझे अपने पिता पर गर्व है कि उन्होंने खुद के लिए इस तरह का निर्णय लिया है. आर्यमन ने लिखा इतिहास गवाह है, कि मेरा परिवार कभी भी सत्ता का भूखा नहीं रहा. अपनी एक विरासत से इस्तीफा देने के लिए साहस चाहिए. उन्होंने कहा कि जैसा वादा किया गया है कि हम भारत और मध्यप्रदेश में भविष्य में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रयास करेंगे.
कांग्रेस छोड़ने के साथ ही सिंधिया ने अपना आगे का रास्ता तय कर लिया है. उन्होंने अपने दिवंगत पिता व पूर्व नेता माधवराव सिंधिया की जयंती पर यह बड़ा फैसला लिया. पिता की जयंती के मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो फैसला लिया है, वह ठीक उनके पिता नक्शेकदम को जाहिर कर रहा है. साल 1993 में जब माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस में रहना ठीक नहीं समझा तो उन्होंने कांग्रेस छोड़कर अलग पार्टी ही बना ली थी.
क्या कहा ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे ने-
I am proud of my father for taking a stand for himself. It takes courage to to resign from a legacy. History can speak for itself when I say my family has never been power hungry. As promised we will make an impactful change in India and Madhya Pradesh wherever our future lies.
— M. Scindia (@AScindia) March 10, 2020
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा देते हुए सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा. उन्होंने इस पत्र में लिखा, 'डियर मिसेज गांधी, मैं पिछले 18 वर्षों से कांग्रेस पार्टी का प्राथमिक सदस्य हूं. अब वक्त हा गया है. मुझे नई शुरुआत के साथ आगे बढ़ना चाहिए. मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं और जैसा कि आप जानती हैं, यह वह रास्ता है, जो पिछले वर्ष खुद बनना शुरू हो गया था. जन सेवा का मेरा लक्ष्य उसी तरह का बना रहेगा, जो शुरुआत से ही हमेशा रहा है."
उन्होंने लिखा, मैं अपने प्रदेश और देश के लोगों की उसी तरह से सेवा करता रहूंगा. मुझे लगता है कि मैं आगे यह काम कांग्रेस में रहकर करने में सक्षम नहीं हूं. अपने लोगों और अपने कार्यकर्ताओं की भावनाओं को प्रदर्शित करने और उसे जाहिर करने के लिए, मुझे लगता है कि यह सबसे अच्छा होगा कि मैं आगे की ओर देखूं और एक नई शुरुआत करूं. मुझे देश सेवा के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए मैं आपको बहुत धन्यवाद देता हूं और आपके माध्यम से कांग्रेस पार्टी के मेरे साथियों को भी धन्यवाद देता हूं."