विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति बनाने में जुटे राहुल गांधी, पार्टी नेताओं से कर रहे हैं बैठक

आम चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले पर अडिग राहुल गांधी उन राज्यों के पार्टी नेताओं से चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए मिलेंगे, जहां आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं.

राहुल गांधी (Photo Credit- Twitter)

नई दिल्ली :  देश में हाल ही में संपन्न आम चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले पर अडिग राहुल गांधी (Rahul Gandhi) उन राज्यों के पार्टी नेताओं से चुनाव की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए मिलेंगे, जहां आगामी महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं . सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी के महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली के पार्टी नेताओं से मिलने की संभावना है .

इससे पहले राहुल ने आम चुनाव में हार के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी और तब से वह किसी भी पार्टी नेता से मुलाकात नहीं कर रहे हैं. हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने उनके इस्तीफे की पेशकश को खारिज कर दिया था और उनसे सभी स्तर पर पार्टी के पुनर्गठन के लिए कहा था.

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राहुल लोगों से भी मिलने से बच रहे हैं और उन्होंने अपनी बहन तथा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से उनकी ओर से बातचीत करने के लिए कहा था . सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के पार्टी नेताओं से सोमवार को मुलाकात की थी और बुधवार को वह महाराष्ट्र के नेताओं से मिलेंगे .

राहुल से महाराष्ट्र मामलों के कांग्रेस प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्य के लिए प्रभारी कांग्रेस सचिवों तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुलाकात करेंगे और राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों के बारे में चर्चा करेंगे . राहुल हरियाणा के कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद और राज्य के पार्टी नेताओं से गुरुवार को मिलेंगे और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नेताओं के साथ शुक्रवार को मिलेंगे.

इस दौरान चुनाव के लिये उनकी तैयारियों और पार्टी की रणनीति तैयार करने पर चर्चा होगी . राहुल अब तक कांग्रेस प्रमुख के पद से हटने के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं, लेकिन पार्टी तब से असमंजस की स्थिति में है क्योंकि वह नेताओं से मुलाकात नहीं कर रहे हैं. बैठकों का ताजा दौर पार्टी को उम्मीद की किरण देगा, जो लोकसभा चुनावों में अपनी अपमानजनक हार के बाद निर्देश के लिए अपने नेतृत्व की ओर देख रही है.

देश की सबसे पुरानी पार्टी ने उत्तर प्रदेश और कर्नाटक इकाई को पहले ही भंग कर चुकी है और इसी तरह का निर्णय अन्य राज्यों में भी संभवत: हो सकता है. कांग्रेस के अधिकतर नेता अपने निर्णय को बदलने के लिए राहुल को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह कथित तौर पर अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने फैसले पर अडिग हैं और पार्टी नेताओं को विकल्प चुनने के लिए कुछ समय दिया है .

सूत्रों ने बताया कि राज्यों के नेताओं से मिलने के राहुल के फैसले से पार्टी में हर स्तर पर विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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