कोरोना वायरस से जंग: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी, संक्रमित मामले 5,500 के पार पहुंचे
पीएम मोदी (Photo Credits-Twitter)

नयी दिल्ली, आठ अप्रैल. लॉकडाउन को एक बार में खत्म करने की उम्मीदों को झटका देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि देश में स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है और कोविड-19 महामारी के कारण गंभीर आर्थिक चुनौतियां भी हैं. दरअसल देश में संक्रमण के मामलों की तादाद तेजी से बढ़ी है. देशभर में 5,500 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और इसके कारण कम से कम 172 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 के संकट पर बुलाई गई बैठक में विपक्ष एवं अन्य दलों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोरोना वायरस के मुद्दे पर संवाद में कहा कि कोरोना वायरस से पहले और कोरोना वायरस के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा.

प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद कई नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा. आधिकारिक वक्तव्य के मुताबिक प्रधानमंत्री ने नेताओं से कहा, ‘‘ स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए ।’’उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार की प्राथमिकता हर व्यक्ति के जीवन को बचाने की है. कई राज्यों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के संकेत दिए हैं खासकर उन इलाकों में जिनकी पहचान घातक कोरोना वायरस के हॉट स्पॉट के रूप में की गई है. यह भी पढ़े-कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट- मेरे सम्मान में 5 मिनट खड़े रहने की मुहिम गलत, अगर मुझे सम्मानित ही करना है तो एक गरीब परिवार की जिम्मेदारी उठाए

मुंबई के अलावा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी मास्क पहनना या मुंह ढंकना अनिर्वाय कर दिया गया है. कर्नाटक ने कहा कि अप्रभावित इलाकों में पाबंदियों हटाई जा सकती है और संकट से निपटने के लिए राजस्व जुटाने की खातिर 14 अप्रैल के बाद शराब की बिक्री की इजाजत दी जा सकती है।

उत्तर प्रदेश ने 15 जिलों में बहुत अधिक प्रभावित इलाकों को पूरी तरह सील करने का फैसला किया है, इनमें कुछ इलाके नोएडा और गाजियाबाद के भी हैं. राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन की अवधि खत्म होने के बाद चरणबद्ध तरीके से मंडियों को खोलने का फैसला किया है. सरकार ने कोविड-19 के फैलने संबंधी किसी भी तरह की लेबलिंग किसी समुदाय या इलाके में नहीं करने संबंधी परामर्श जारी किया है. उसने संक्रमितों या पृथक किए गए लोगों के नाम या पते सार्वजनिक नहीं करने का भी निर्देश दिया है। सरकार ने स्वास्थ्य कर्मियों या साफ-सफाई कर्मचारियों तथा पुलिस पर हमले के खिलाफ भी चेतावनी दी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में हमारी प्रतिक्रिया और तैयारी में उसी के अनुरूप तेजी लायी जा रही है। उन्होंने संक्रमण की गति को रोकने के लिये लागू किये गये लॉकडाउन को प्रभावी बताते हुये कहा कि संक्रमण पर नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से स्थानीय लोगों को इस संक्रामक बीमारी के बारे में जागरुक करने तथा चिकित्सा उपायों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया जा रहा है.

अग्रवाल ने कहा कि अस्पतालों में संक्रमण से बचने पर ध्यान केन्द्रित करते हुये इसके नियंत्रण के उपायों का पालन किया जा रहा है, ताकि स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित न हों। साथ ही केन्द्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को कोविड-19 अस्पताल बनाने, संदिग्ध मरीजों और इनके संपर्क में आये लोगों की पहचान सुनिश्चित करने को कहा है. उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को निर्देश दिया कि सरकार से मंजूरी प्राप्त सभी सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं में कोविड-19 के संक्रमण की जांच मुफ्त में की जानी चाहिए। न्यायालय ने केन्द्र को तत्काल ही इस संबंध में निर्देश जारी करने को कहा है.

देश में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,274 हो गई और इस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 149 पर पहुंच गया. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शाम को जारी ताजा आंकड़ों में बताया कि कोविड-19 के ऐेसे मामले जिनमें इलाज चल रहा है उनकी संख्या 4,714 है, 410 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। एक मामले में मरीज दूसरे देश में चला गया। कुल मामलों में से 71 विदेशी नागरिक हैं.

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 25 लोगों की मौत हुई। इनमें से 16 लोगों की मौत महाराष्ट्र में तथा दिल्ली,पश्चिम बंगाल, हरियाणा और तमिलनाडु में दो-दो व्यक्ति की मौत और आंध्र प्रदेश में एक व्यक्ति की मौत हुई. हालांकि, पीटीआई द्वारा एकत्रित आंकड़ों के अनुसार बुधवार शाम तक कम से कम 5,521 सामने आए, 172 लोगों की मौत हुई और 500 लोगों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई. विभिन्न राज्यों द्वारा घोषित संख्या और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों में काफी अंतर है। अधिकारी इसके लिए प्रक्रियात्मक देरी को मुख्य वजह बता रहे हैं.

लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी एवं अन्य दलों के नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए ।’’मोदी ने कहा कि राज्य, जिला प्रशासन और विशेषज्ञों ने वायरस को फैलने से रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव दिया है और सरकार की प्राथमिकता जीवन को बचाने की है. बयान के अनुसार, राजनीतिक दलों के नेताओं ने बैठक के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया, उनके द्वारा समय पर किए गए आवश्‍यक उपायों की सराहना की.

प्रधानमंत्री के साथ विपक्षी नेताओं की बैठक बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा , ''ज्यादातर विपक्षी नेताओं...., करीब 80 फीसदी ने लॉकडाउन की अवधि आगे बढाने की बात की।''उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की मियाद बढ़ाने के सुझाव उनके पास आ रहे हैं लेकिन कोई भी कदम उठाने से पहले वह मुख्यमंत्रियों और अपने सहयोगियों से विचार-विमर्श करेंगे. प्रधानमंत्री 11 अप्रैल को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर सकते हैं. बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने ‘पीटीआई ’ से कहा कि नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा.

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