प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मंत्रिपरिषद और नौकरशाहों की बैठक बुलाई है. चार जनवरी को होने वाली इस बैठक में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कार्य योजनाओं पर चर्चा होगी. साथ ही सामाजिक क्षेत्र के कार्यो की भी समीक्षा की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में विभागों के पांच साल की कार्ययोजना तैयार की जाएगी. खासतौर पर सचिवों के एक समूह द्वारा बनाई गई 'विजन ड्राफ्ट' पर चर्चा होगी, जो इन विभागों के कामकाज की रूपरेखा तय करेगी.
सूत्रों के मुताबिक, पिछली बार की तरह ही यह बैठक भी दिनभर चलेगी. बैठक में सामाजिक क्षेत्रों के ड्राफ्ट विजन पर चर्चा होगी, जिसमें शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकारी कार्ययोजना पर विशेष तौर पर विचार किया जाएगा. बैठक में आयुष्मान योजना की समीक्षा की जाएगी. ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने इस योजना के तहत दस करोड़ परिवार के 50 लाख लोगों तक फायदा पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. बैठक में नई शिक्षा नीति और मानव संसाधन मंत्रालय की 11 सूत्री कार्ययोजना का भी मूल्यांकन किया जाएगा.
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सूत्रों के मुताबिक, सरकार एससी/एएसटी और ओबीसी वर्ग के लिए कुछ नई योजनाएं शुरू कर सकती है. जाहिर है, बैठक में कल्याणकारी योजनाओं के प्रारूप के प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी. मंत्रियों के अलावा सभी विभागों के सचिवों को भी बैठक में मौजूद रहने को कहा गया है.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की ये तीसरी बैठक है. ऐसी ही एक मैराथन बैठक 21 दिसंबर को भी हुई थी, जिसमें कृषि, ग्रामीण विकास और ढांचागत विकास से सबंधित क्षेत्रों के कार्ययोजना पर मंथन हुआ था. बैठक में पिछले छह महीने में हुई प्रगति पर भी चर्चा हुई थी.
सूत्रों के मुताबिक, आम बजट को लेकर पिछली बैठक में भी सुझाव मांगे गए थे. चार जनवरी को होने वाली बैठक में आम बजट पर मंत्रालयों के सुझावों पर भी मंत्रणा होगी, ताकि उन सुझावों को आम बजट में जगह दिया जा सके. सरकार वित्तवर्ष 2020-2021 के लिए आम बजट 1 फरवरी को पेश करेगी.
इससे पहले, 19 दिसंबर की मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री ने मंत्रियों और नौकरशाहों से आधारभूत संरचना और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नीतियां बनाने को कहा था, ताकि आम आदमी को इसका फायदा पहुंचे.
सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने कहा था कि अब तक कड़ी मेहनत की गई है, लेकिन विशेषज्ञों और हितधारकों एवं लोगों की राय के आधार पर और अधिक हासिल किया जा सकता है. सरकार के सूत्रों ने बताया कि पिछली बैठक में प्रधानमंत्री का ध्यान आधारभूत क्षेत्र पर रहा, जिसमें विभिन्न समितियों के सचिवों ने तीन क्षेत्रों पर मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुति दी. बैठक में प्रधानमंत्री किसान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और जल जीवन योजना की समीक्षा की गई थी.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिपरिषद् की बैठक अब प्रत्येक तीन महीने के अंतराल पर आयोजित की जाएगी. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत सरकार बड़े जनादेश के साथ दोबारा सत्ता में आई और नवंबर में इसके छह महीने पूरे हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी मिशन 2020 कार्य योजना के तहत इन दिनों सरकारी योजनाओं की समीक्षा और मूल्यांकन कर रहे हैं.