राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह (Chaudhary Ajit Singh) का गुरुवार को कोरोना से निधन हो गया. 82 वर्षीय अजित सिंह का गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह के निधन पर दुख जताते हुए कहा, उन्होंने देश की राजनीति पर अलग छाप छोड़ी है.
राष्ट्रपति कोविंद (President Kovind) ने ट्वीट कर कहा, “राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन की सूचना से दुख हुआ. उन्होंने किसानों के हित में हमेशा आवाज उठायी. जनप्रतिनिधि व मंत्री के रूप में उन्होंने देश की राजनीति पर अलग छाप छोड़ी. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं”.
उपराष्ट्रपति ने किसानों की प्रगति में अजित के योगदान को किया याद
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कृषि और कृषकों की प्रगति में उनके योगदान को हमेशा आदरपूर्वक याद किया जाएगा. उपराष्ट्रपति ने शोक संदेश जारी कर कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ राजनेता चौधरी अजित सिंह के असामयिक निधन का समाचार पा कर दुखी हूं. कृषि और कृषकों की प्रगति में आपका योगदान सदैव आदरपूर्वक याद किया जाएगा. शोक की इस घड़ी में मेरी प्रार्थनाएं और संवेदनाएं उनके परिजन व सहयोगियों के साथ हैं. उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि.”
प्रधानमंत्री ने इन शब्दों में बयां किया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रालोद सुप्रीमो के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे. उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!” उल्लेखनीय है कि 82 वर्षीय अजित सिंह कोरोना संक्रमित थे. उनका गुरुग्राम के एक अस्पताल में उपचार चल रहा था, जहां उन्होंने आज अंतिम सांस ली. बड़े जाट नेताओं में शुमार चौधरी अजित सिंह के निधन की खबर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनके समर्थकों के बीच शोक की लहर दौड़ गयी है. यह भी पढ़ें : West Bengal: केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के काफिले पर हमला, गाड़ियों की खिड़कियां तोड़ी, देखें वीडियो
बागपत से सात बार सांसद चुने गए चैधरी अजित सिंह
बागपत की पहचान पूरे देश में पूर्व प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह और उनके बेटे अजित सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि के रूप में रही है. पहले चरण सिंह तो बाद में बागपत के लोगों ने अजित सिंह को अपना प्रतिनिधि के तौर पर लोकसभा में भेजा. छोटे चैधरी बागपत से सात बार सांसद चुने गए. अजित सिंह ने सबसे पहले 1989 में बागपत से लोकसभा चुनाव जीता. इसके बाद 1991 में फिर से सांसद चुने गए. 1996 में छोटे चैधरी को लोगों ने फिर से लोकसभा में पहुंचाया. 1997 के उप चुनाव में फिर से बागपत से अजित सिंह सांसद चुने गए. 1998 में भाजपा के सोमपाल शास्त्री ने अजित सिंह को हरा दिया, लेकिन 1999 में फिर से अजित सिंह ने बागपत से जीत का परचम फहराया. 2004 और 2009 में भी अजित सिंह को बागपत लोकसभा सीट से जीत हासिल हुई.
केंद्र में चार बार मंत्री बने
1986 में पहली बार राज्यसभा सदस्य बनकर अजित सिंह ने संसद में प्रवेश किया. इसके बाद लिए गए कई फैसलों के बल पर अजित सिंह सत्ता में भागीदार बने. वह केंद्र सरकार में चार बार मंत्री के तौर पर शामिल हुए. इस दौरान उद्योग मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का दायित्व संभाला. उत्तर प्रदेश की मुलायम सिंह सरकार में उनकी पार्टी के नेता शामिल हुए.