दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly election 2020) के मद्देनजर नेताओं की बयानबाजी का दौर जारी है. सभी राजनीतिक पार्टियां विरोधियों को घेरने में लगी हुई हैं. इसी बीच जेडीयू के प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने अमित शाह (Amit Shah) के उस बयान पर निशाना साधा है जिसमें उन्होंने कहा था, "बटन इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे. प्रशांत किशोर ने इसके जवाब में एक ट्वीट किया. पीके ने लिखा, 8 फरवरी को दिल्ली में EVM का बटन तो प्यार से ही दबेगा. जोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द खतरे में ना पड़े. बता दें कि राजधानी दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा की 70 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. 11 फरवरी को चुनाव नतीजे आएंगे. दिल्ली के विकास के साथ-साथ इस बार चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा छाया हुआ है.
दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोर्चा संभाला हुआ है. रविवार को बाबरपुर में उन्होंने गृह मंत्री ने चुनावी रैली में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर तंज कसते हुए कहा, 'बटन तब इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे.
यहां देखें प्रशांत किशोर का ट्वीट-
8 फ़रवरी को दिल्ली में EVM का बटन तो प्यार से ही दबेगा। ज़ोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द ख़तरे में ना पड़े।
Justice, Liberty, Equality & Fraternity 🇮🇳
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 27, 2020
इससे पहले एक चुनावी रैली में अमित शाह ने कहा था, " 'बटन इतनी ताकत से दबाना कि इसके करंट से 8 फरवरी को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी वो जगह छोड़ने पर मजबूर हो जाएं." अमित शाह ने कहा था, दिल्ली के चुनाव में बीजेपी के लिए मतदान करने से शाहीन बाग जैसी हजारों घटनाएं रुकेंगी.
बता दें कि दिल्ली में जेडीयू बीजेपी के साथ गठबंधन सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने जेडीयू को इस चुनाव में 2 सीटें दी है. जेडीयू को बुराड़ी और संगम विहार विधानसभा सीट मिली है. दिल्ली विधानसभा के इस चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के बीच माना जा रहा है. कांग्रेस भी मैदान फतेह करने की जद्दोजहत में जुटी है. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने 5 साल के काम के भरोसे मैदान में उतरी है तो वहीं बीजेपी मोदी मैजिक के दम पर दांव ठोक रही है.