प्रशांत किशोर ने NRC को लेकर सोनिया गांधी की चुप्पी पर उठाए सवाल, कहा- NPR सरकार का पहला कदम
प्रशांत किशोर ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष के एक बयान से एनआरसी मुद्दे पर कांग्रेस का रुख साफ होगा. प्रशांत किशोर ने कहा, मेरा सवाल और चिंता का विषय यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष आधिकारिक रूप से यह क्यों नहीं कह रहे हैं कि एनआरसी को कांग्रेस शासित राज्यों में अनुमति नहीं दी जाएगी?
जनता दल यूनाइटेड (JDU) के उपाध्यक्ष और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बार फिर नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर को लेकर केंद्र पर हमला बोला है. इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की चुप्पी पर सवाल उठाया है. न्यूज एजेंसी ANI को दिए एक इंटरव्यू में, प्रशांत किशोर ने कहा, 'कांग्रेस अध्यक्ष के एक बयान से एनआरसी मुद्दे पर कांग्रेस का रुख साफ होगा. प्रशांत किशोर ने कहा, मेरा सवाल और चिंता का विषय यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष आधिकारिक रूप से यह क्यों नहीं कह रहे हैं कि एनआरसी को कांग्रेस शासित राज्यों में अनुमति नहीं दी जाएगी? धरने और प्रदर्शनों करना अलग बात है, लेकिन इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से एक भी आधिकारिक बयान न आना समझ के बाहर है.'
प्रशांत किशोर ने गृहमंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी असहमति जताई जिसमें कहा गया था कि एनपीआर का NRC से कोई संबध नहीं है. प्रशांत किशोर ने कहा किसी को एनपीआर और एनआरसी के बीच लिंक को साबित करने की जरुरत नहीं है, डॉक्यूमेंट्स से खुद पता चलता है कि एनपीआर एनआरसी का पहला कदम है. यह बहस 2003 के नागरिकता संशोधन विधेयक से जुड़ी है, जिसके दौरान, यह परिभाषित किया गया था कि एनपीआर के बाद, यदि सरकार चाहती है, तो वे एनआरसी कर सकते हैं.
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NPR और NRC के बीच लिंक साबित करने की जरुरत नहीं-
CWC को लेना लोग NRC पर फैसला
प्रशांत किशोर ने कहा, 'कांग्रेस समेत 10 से अधिक मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्यों में एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे. पीके ने कहा अन्य क्षेत्रीय दलों जैसे नीतीश कुमार, नवीन पटनायक, ममता बनर्जी या जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पार्टियों के प्रमुख के रूप में काम कर रहे हैं. वे खुद से निर्णय ले सकते हैं. लेकिन कांग्रेस के मामले में ऐसा नहीं है.
प्रशांत किशोर ने कहा, कांग्रेस के मुख्यमंत्री अंतिम निर्णय नहीं ले सकते. कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ही अंतिम निर्णय लेती है. CWC को कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को यह घोषित करने के लिए कहना चाहिए कि वे अपने राज्यों में एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे.
इससे पहले प्रशांत किशोर ने कहा था कि, मोदी सरकार ने एनआरसी का काम फिलहाल रोका हुआ है और विरोध प्रदर्शन थमते ही फिर से यह शुरू हो जाएगा. पीके ने कहा केंद्र सरकार का दावा है कि अभी तो NRC की कोई चर्चा ही नहीं हुई है. यह कुछ और नहीं बल्कि देशभर में सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स को लेकर हो रहे भारी विरोध के चलते कहा जा रहा है. इसके साथ ही यह पूर्ण विराम नहीं है.