मुंबई: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने शनिवार को कहा कि देश में सशक्त संविधान और कानून है पर लोगों में संवेदनशीलत की कमी के कारण ये प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पाते. वह नूतन गुलगुले फाउंडेशन के एक समारोह में लोगों को संबोधित कर रहे थे.
मोहन भागवत ने कहा कि धर्म को केवल पुस्तकों में नहीं पढ़ा जाना चाहिए बल्कि इसे जीवन शैली में अपनाया जाना चाहिए और मनुष्यों को मनुष्यों की तरह ही व्यवहार करना चाहिये. यह फाउंडेशन दिव्यांग लोगों के कल्याण के लिए काम करता है.
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उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास सशक्त संविधान, कानून है लेकिन लोगों में संवेदनशीलता की कमी होने से वे प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पाते.’’