पीएम की सुरक्षा के साथ हुआ समझौता, फडणवीस के सौजन्य से वीवीआईपी कार्यक्रम में शामिल हुए गुंडे : नवाब मलिक
नवाब मलिक (Photo Credits: PTI)

मुंबई, 10 नवंबर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने बुधवार को एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ समझौता किया गया क्योंकि भाजपा नेता देवेन्द्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) की मदद से माफिया से संबंध रखने वाला एक हिस्ट्री सीटर एक वीवीआईपी कार्यक्रम में शामिल होने में कामयाब हो गया. Sameer Wankhede Defamation Case: नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा, बॉम्‍बे HC ने एनसीपी नेता से कल तक मांगा जवाब

मीडिया को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि भगोड़े माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर के गुर्गे माने जाने वाले 57 वर्षीय वर्सोवा के एक मुंबई बिल्डर रियाज भट्टी को हमेशा फडणवीस के करीब, भाजपा के कार्यक्रमों में और यहां तक कि उनके (फडणवीस) की खाने की मेज पर भी देखा गया है. उन्होंने कहा, "यह वही भट्टी है जिसे फर्जी पासपोर्ट मामले में (साल 2015 में और फिर 2020 में) गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित एक समारोह में वीआईपी बाड़े में प्रवेश की अनुमति दी गई थी.

ऐसा आदमी जो दाऊद और अंडरवल्र्ड के अन्य लोगों का करीबी है, वीआईपी कार्यक्रम तक कैसे पहुंच गया? यहां तक कि पीएम के साथ उसकी तस्वीरें खिंचवाने का प्रबंध कैसे कर लिया गया?भट्टी को दो बार फर्जी पासपोर्ट मामलों में अक्टूबर 2015 और फरवरी 2020 में पकड़ा गया था, उसका नाम छोटा शकील की मदद से जमीन हड़पने के मामलों में सामने आया था और उसके खिलाफ लुकआउट सकरुलर जारी किया गया था, लेकिन वर्तमान में वह फरार है.

फडणवीस के कथित अंडरवल्र्ड कनेक्शन पर विस्तार से बताते हुए, मलिक ने पूर्व सीएम पर नोटबंदी के जरिए देश को नकली नोटों से छुटकारा दिलाने के पीएम के उद्देश्यों की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. मलिक ने कहा, "अक्टूबर 2017 में, बांद्रा कुर्ला पुलिस द्वारा 14.65 करोड़ रुपये के नकली नोटों का कैश जब्त किया गया था. मुंबई, नवी मुंबई और पुणे से इमरान आलम शेख और रियाज शेख जैसे अन्य लोगों को पकड़ा गया था."

बाद में, डीआरआई नकली नोट मामले की जांच कर रही थी, लेकिन अचानक केवल 8.80 लाख रुपये का अंकित मूल्य दिखाकर इस मामले को दबा दिया गया और उस समय संबंधित अधिकारी संयोग से समीर दाऊद वानखेड़े थे. मलिक ने कहा, "कुछ महीने बाद, फडणवीस ने नकली नोट मामले में एक आरोपी इमरान आलम शेख के बड़े भाई हाजी अराफात शेख को महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाकर पुरस्कृत किया."

पूर्व सीएम पर निशाना साधते हुए, राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि फडणवीस ने कथित तौर पर हैदर आजम नाम के एक भाजपा नेता की जांच पर रोक लगा दी, जो कथित तौर पर बांग्लादेशियों को मुंबई लाने में शामिल है और जिसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेश से है. मलिक ने जोर देकर कहा, "मलाड पुलिस और बाद में पश्चिम बंगाल पुलिस उसकी दूसरी पत्नी, एक बांग्लादेशी के पूर्ववृत्त की जांच कर रही थी, लेकिन सीएमओ के एक कॉल के बाद सब कुछ दबा दिया गया था। बाद में, उसी हैदर आजम को मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम लिमिटेड का अध्यक्ष बनाया गया था."

इसी तरह नागपुर में फडणवीस के एक करीबी मुन्ना यादव को राज्य निर्माण श्रमिक पैनल का अध्यक्ष बनाया गया जो लोगों को आतंकित करने में लगा एक खूंखार अपराधी है. नागपुर में मलिक की दलीलों को खारिज करते हुए, मुन्ना यादव ने कहा कि कुछ राजनीतिक मामलों को छोड़कर उनका पुलिस रिकॉर्ड साफ है और झूठे आरोप लगाने के लिए राकांपा नेता के खिलाफ एक रुपये का मानहानि का मामला दर्ज करने की धमकी दी. मलिक ने फडणवीस से यह जवाब देने के लिए कहा कि क्या बिल्डरों या जमींदारों को अपनी जमीन बेचने और जबरन वसूली करने के लिए मजबूर किया गया था, क्योंकि उन्हें विदेश में माफिया से कॉल की धमकी दी गई थी.