AIMIM Bihar Seats Update: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में जहां एनडीए भारी बढ़त बनाते हुए दिख रहा है, वहीं दूसरी तरफ सीमांचल क्षेत्र में AIMIM ने अपनी मजबूत मौजूदगी एक बार फिर साबित कर दी है. शुरुआती रुझानों में पार्टी 6 सीटों पर आगे है. यह नतीजा AIMIM के लिए खास इसलिए भी है क्योंकि 2020 में उसने यहां 5 सीटों पर जीत हासिल की थी और इस बार भी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में उसका जनाधार बरकरार नजर आ रहा है.
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कैंडिडेट्स की बढ़त ने बढ़ाई AIMIM की उम्मीदें
इन छह सीटों पर AIMIM उम्मीदवार अच्छी लीड बनाए हुए हैं. अमौर, कोचाधमान और जोकीहाट जैसी सीटों पर बढ़त काफी स्पष्ट है. अमौर में अख्तारुल इमान बड़ी संख्या में वोट हासिल कर चुके हैं और बढ़त 20 हजार से ऊपर पहुंच चुकी है. कोचाधमान में एमडी सरवर आलम लगभग 22 हजार वोटों की दूरी पर विरोधी उम्मीदवारों को पीछे छोड़ते दिखाई दे रहे हैं.
जोकीहाट में मोहम्मद मुरशिद आलम भी लगातार बढ़त बनाए हुए हैं और जदयू को कठिनाइयों में डाल दिया है. बैसी और बहादुरगंज समेत शेष सीटों पर भी AIMIM के उम्मीदवार आरामदायक स्थिति में हैं.
सीमांचल में AIMIM का आधार और चुनावी रणनीति
सीमांचल का इलाका—विशेषकर पूर्णिया, अररिया और किशनगंज लंबे समय से मुस्लिम मतदाताओं के प्रभाव में माना जाता है. AIMIM ने बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा और स्थानीय समस्याओं को प्रमुखता देते हुए एक अलग पहचान बनाई है. इस फोकस का असर इस बार के चुनाव में साफ नजर आ रहा है.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि AIMIM की इन सीटों पर पकड़ विपक्षी गठबंधन को नुकसान पहुंचा रही है, जिसके चलते एनडीए को अप्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है.
सीमांचल के मतदाताओं का आभार: ओवैसी
ओवैसी ने भी अपनी प्रतिक्रिया में सीमांचल के मतदाताओं का आभार जताते हुए कहा कि उनकी आवाज अब और अनदेखी नहीं की जा सकेगी. ताजे रुझानों से साफ है कि AIMIM इस क्षेत्र में गेमचेंजर की भूमिका निभा सकती है.













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