नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता के लिए 22 नवंबर को होने वाली प्रस्तावित मीटिंग कैंसिल कर दी गई है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह अहम मीटिंग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की वजह से कैंसिल हुई है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सोमवार को हुई मुलाकात में बाकी बिंदुओं पर चर्चा के साथ ही विपक्ष के महागठबंधन की खींचतान सामने आई है, जिस कारण नायडू ने गैर-बीजेपी दलों की 22 नवंबर को होने वाली बैठक को टालने का फैसला किया है. अब यह बैठक 19 जनवरी को होगी.
दरअसल लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राजनीतिक दल बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को मजबूत करने में जुटे हैं ताकि मोदी सरकार को सत्ता से बाहर किया जा सके. इसी के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गैर-बीजेपी दलों की 22 नवंबर को एक बैठक बुलाई थी. लेकिन ममता की इस मीटिंग पर सहमती न मिलने पर यह मीटिंग टल गई है.
बता दें कि आंध्र प्रदेश के सीएम और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी विरोधी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें ममता बनर्जी का साथ काफी अहम बताया जा रहा है. इस मीटिंग में नायडू 2019 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर ममता से विपक्षी एकजुटता के बारे में विचार-विमर्श करेंगे. यह भी पढ़ें- चंद्रबाबू नायडू की राह चली ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल में भी CBI की खुली एंट्री पर रोक
कौन-कौन सी पार्टियां हैं शामिल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महागठबंधन की इस मीटिंग में शामिल होने के लिए कांग्रेस, टीडीपी, आम आदमी पार्टी, जेडीएस, एनसीपी और टीएमसी मान गए हैं. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि मायावती ने इस मीटिंग में शामिल होने के लिए अभी तक हां नही की है. इस मीटिंग में विपक्षियों द्वारा बीजेपी के खिलाफ रणनीति तय की जाएगी.
बता दें कि नायडू पिछले एक महीने के अंदर दिल्ली आकर राहुल गांधी से लेकर मुलायम सिंह और शरद पवार समेत विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेताओं से मिल चुके हैं. यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब देश पूरी तरह चुनावी माहौल में रंग चुका है. देश के 5 राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव भी जल्द ही संपन्न होने हैं.