Delhi MCD Ward Committee Election: हाई कोर्ट के फैसले पर इकबाल सिंह बोले, 'सत्यमेव जयते'
एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव की अधिसूचना के विरोध में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और पार्षदों ने अपनी याचिका वापस ले ली.
Delhi MCD Ward Committee Election: एमसीडी वार्ड कमेटी चुनाव की अधिसूचना के विरोध में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और पार्षदों ने अपनी याचिका वापस ले ली. इस मामले में दिल्ली नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष इकबाल सिंह ने अपनी राय जाहिर की है, जिसमें उन्होंने कहा कि यह फैसला 'आप' की राजनीतिक हार को दर्शाता है और एमसीडी की जनता के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है. इकबाल सिंह ने आईएएनएस से बातचीत करते हुए कहा, "अगर दो शब्दों में इसको कहा जाए तो 'सत्यमेव जयते', सच की हमेशा जीत होती है. आम आदमी पार्टी चाह रही थी कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं हो, मेयर का चुनाव नहीं हो, दिल्ली का विकास नहीं हो.
आम आदमी पार्टी के नेता लोगों को कहते हैं कि हम चुनाव कराना चाहते हैं. दूसरी तरफ आप चुनाव को रोकने के लिए हाईकोर्ट जा रहे हैं, तो हाईकोर्ट ने बहुत अच्छे से फटकार लगाई है." उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता परेशान है. इन्हें (आम आदमी पार्टी) शर्म आनी चाहिए कि आप दो साल से स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं करा पाए और जब चुनाव प्रक्रिया चालू हो गई तो इसके खिलाफ आप कोर्ट चले गए. दिल्ली के पार्षद और जनता के बीच भाजपा के पक्ष में माहौल है. उन्होंने आगे कहा, "लोकतंत्र ने आम आदमी पार्टी के चेहरे पर तमाचा मारा है. दिल्ली के मेयर को एमसीडी वार्ड समितियों के चुनाव को स्थगित करने की याचिका को वापस लेना पड़ा. यह भी पढ़ें: UP: प्रतापगढ़ में बीच सड़क पर नशे में धुत्त कुर्सी पर बैठा रहा शख्स, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने की कार्रवाई
हमें उम्मीद है कि एमसीडी वार्ड समितियों का चुनाव अब 4 सितंबर को तय समय पर होगा. इसमें अरविंद केजरीवाल अब कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे." ज्ञात हो कि, एमसीडी ने वार्ड कमेटियों के चुनावों की घोषणा 28 अगस्त को की थी. इसके तहत 30 अगस्त तक नामांकन किए जाने हैं और चार सितंबर को चुनाव होना है. इसी को लेकर आम आदमी पार्टी की ओर से हाईकोर्ट का रुख किया गया था. याचिका में कहा गया था कि प्रत्येक प्रत्याशी को नामांकन दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि नामांकन दाखिल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिए जाने के कारण उम्मीदवार उचित प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकेंगे.