दिल्ली: दिल्ली सरकार ने कहा- नई औद्योगिक नीति लागू होने से बंद नहीं होंगे पुराने उद्योग
अरविंद केजरीवाल (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 15 नवंबर: दिल्ली में नई औद्योगिक नीति के संबंध में अधिसूचना जारी होने से पुराने उद्योगों को लेकर भ्रम की स्थिति उत्पन्न होने लगी है. हालांकि दिल्ली सरकार ने इस पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया है कि दिल्ली में पहले से चल रहे उद्योग धंधों को जबरन बंद नहीं करवाया जाएगा. हालांकि जो उद्योग-धंधे, हाईटेक क्षेत्रों में हाथ आजमाना चाहते हैं सरकार उन्हें मदद मुहैया कराएगी.

दिल्ली के उद्योग मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, "नई औद्योगिक नीति को लेकर दिल्ली के लोगों में कुछ भ्रम की स्थिति थी. दिल्ली सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि दिल्ली में जो भी पुराने औद्योगिक क्षेत्र हैं, वहां पर जो भी उद्योग चल रहे हैं, वो सभी चलते रहेंगे. अगर कोई उद्यमी पुराने इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थिति अपनी निर्माण इंडस्ट्री को सर्विस या हाईटेक इंडस्ट्री में बदलना चाहता है, तो वह बदल सकता है और अगर कोई उद्यमी निर्माण इंडस्ट्री ही चलना चाहता है, तो वो चला सकता है."

हालांकि दिल्ली की नई औद्योगिक नीति के संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली के सभी नए औद्योगिक क्षेत्रों में केवल हाईटेक और सर्विस इंडस्ट्रीज को ही काम करने की अनुमति होगी. वहीं, पुराने उद्योगों को भी मैन्युफैक्च रिंग सेक्टर से सर्विस सेक्टर में स्विच करने का विकल्प दिया गया है. अगर कोई उद्यमी अपनी इंडस्ट्री में बदलाव करना चाहता है, तो उससे कन्वर्जन फीस नहीं ली जाएगी, दिल्ली सरकार ने इसे माफ करने का फैसला किया है.

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उद्योग मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, "नई औद्योगिक नीति से दिल्ली में सर्विस और हाइटेक सेक्टर के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. अभी तक इन सेक्टर के उद्योगों को अनुमति नहीं थी, लेकिन अब नए औद्योगिक क्षेत्रों में सिर्फ हाईटेक और सर्विस सेक्टर से संबंधित उद्योग ही लगाने की अनुमति रहेगी."

दिल्ली सरकार के मुताबिक पुराने इंडस्ट्रीयल एरिया के उद्यमियों पर निर्भर है कि वो निर्माण उद्योग चलाना चाहते हैं या सर्विस व हाईटेक इंडस्ट्री में उसे बदलना चाहते हैं. उन्हें दोनों तरह की सुविधा मिलती रहेगी. सिर्फ नए इंडस्ट्रीयल एरिया में केवल सर्विस और हाईटेक इंडस्ट्री लगाने की अनुमति होगी. उद्योग मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, "इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित प्लाटों के एफएआर को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. अभी तक अलग-अलग प्लाट साइज के अलग-अलग एफएआर हुआ करती थी, लेकिन अब सभी तरह के प्लाट साइज का एफएआर एक समान कर दिया गया है."

दिल्ली सरकार के मुताबिक पुराने उद्योगों को नए उद्योगों में स्थानांतरित करने पर कोई कन्वर्जन शुल्क नहीं देना होगा. बवाना और बादली सहित सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सर्विस और हाईटेक ऑफिस खोलने की अनुमति दी जाएगी. स्पष्ट है कि यह सेक्टर पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के अतिरिक्त होगा और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित नहीं करेगा. यह फैसला केंद्र के साथ विचार विमर्श के बाद किया गया और दिल्ली में पहले से चल रही औद्योगिक गतिविधियों के अतिरिक्त है.