जगन्नाथ मंदिर में राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी से 'बदसलूकी' पर उड़ीसा सरकार का इनकार
मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक पी के महापात्रा ने कहा, ‘हमें राष्ट्रपति कार्यालय से कोई पत्र नहीं मिला. उन्होंने किसी दुर्व्यवहार को लेकर हमसे कोई मौखिक शिकायत भी नहीं की. बहरहाल, हम मंदिर आने वाले भक्तों के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर चिंतित हैं.
भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कहा कि राष्ट्रपति से 'बदसलूकी' मामले में उन्हें राष्ट्रपति भवन से कोई शिकायत नहीं मिली है. ओडिशा सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद के साथ इस साल मार्च में मंदिर के दौरे के समय उनसे कथित दुर्व्यवहार के बारे में कोई शिकायत मिलने से बुधवार को इनकार कर दिया है. बताना चाहते है कि शिकायत मिलने से ओडिशा सरकार और मंदिर प्रशासन के इनकार के एक दिन पहले मीडिया में खबरें आई थीं कि मंदिर प्रशासन को राष्ट्रपति भवन से एक पत्र मिला है जिसमें आरोप लगाया गया है कि कुछ सेवादारों ने 18 मार्च को 12 वीं सदी के इस मंदिर के दौरे के समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद के लिए समस्याएं पैदा की थीं.
मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक पी के महापात्रा ने कहा, ‘हमें राष्ट्रपति कार्यालय से कोई पत्र नहीं मिला. उन्होंने किसी दुर्व्यवहार को लेकर हमसे कोई मौखिक शिकायत भी नहीं की. बहरहाल, हम मंदिर आने वाले भक्तों के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर चिंतित हैं.
दूसरी तरफ खबरें यह भी हैं कि पुरी के गजपति नरेश दिव्यसिंह देब के नेतृत्व वाली श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी ने 20 मार्च की अपनी बैठक में सेवादारों की ओर से मंदिर में प्रथम दंपति के साथ कथित दुर्व्यवहार पर चर्चा की थी.
गौरतलब है कि टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के अनुसार मंदिर में सेवादारों के एक समूह ने कथित रूप से गर्भगृह के करीब राष्ट्रपति का रास्ता रोक लिया और उनकी पत्नी को धक्का दिया. रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति भवन ने इस घटना पर आपत्ति जताते हुए 19 मार्च को पुरी के कलेक्टर अरविंद अग्रवाल को सेवादारों के आचरण के खिलाफ नोट भेजा था, जिसके बाद अगले दिन श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने एक बैठक की थी.