2019 लोकसभा चुनावों में अब महज कुछ महीने ही बचे हैं. एक ओर बीजेपी है जो पीएम मोदी की लोकप्रियता पर सवार हो कर दुबारा सत्ता पर काबिज होना चाहती हैं तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस है जिसके 3 राज्यों में मिली जीत के बाद हौसले बुलंद हैं. वहीं, केसीआर की ओर से तीसरा फ्रंट बनाने की कवायद भी तेज हो गई है. वैसे मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद बीजेपी की चिंता बढ़ गई हैं. पार्टी इन राज्यों में होने वाले संभावित नुक्सान को अन्य राज्यों से कम करने की योजना बना रही हैं.
बीजेपी की रणनीति में एक अहम राज्य है ओडिशा. ओडिशा में बीजेपी की लोकप्रियता लगातार बढती जा रही हैं और पार्टी को लगता है कि वो सूबे की नवीन पटनायक सरकार को झटका दे सकती है. यही वजह है कि सोमवार को सूबे की यात्रा पर गए पीएम मोदी ने वीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजद) सरकार पर निशाना साधा.
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उन्होंने कहा,‘‘चिटफंड,पीसी (प्रतिशत कमीशन) संस्कृति,में भ्रष्टाचार का दानव मजबूत हुआ है. ओडिशा के विकास की सच्चाई छिपी हुई नहीं है. किसान, महिलाएं अपनी आवाज उठा रही हैं. उन्होंने केन्द्र की मेगा स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत को नहीं अपनाने के लिए भी ओडिशा सरकार पर निशाना साधा.
बता दें कि 2019 में ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक-साथ होने हैं. ओडिशा से कुल 21 सांसद लोकसभा जाते हैं. 2014 में बीजू जनता दल ने 20 सीट जीती थी. विधानसभा की 147 सीटों में से 117 सीट पर भी नवीन पटनायक की पार्टी के विधायक ही बने थे. मगर अब स्थिति अलग है. सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है जिसका फायदा बीजेपी उठाना चाहती हैं.