अन्ना हजारे ने निर्भया गैंगरेप मामले में तेजी से न्याय की मांग को लेकर शुरू किया 'मौन व्रत'
यूपीए सरकार की चूलें हिला देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्भया मामले (Nirbhaya Gangrape) में जल्दी से न्याय की मांग को लेकर अपने गांव रालेगण सिद्धि (Ralegan Siddhi village ) में 'मौन व्रत' (Maun Vrat) पर बैठ गए हैं. अन्ना हजारे ने इससे पहले ऐलान किया था कि अगर एक सप्ताह के भीतर मोदी सरकार निर्भया के दोषियों को फांसी देने की तारीख जल्द तय नहीं करती है तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे. उससे पहले दो दिनों के लिए मौन व्रत रखेंगे. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अपराध के समय किशोर होने का दावा किया गया था.
नई दिल्ली:- यूपीए सरकार की चूलें हिला देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्भया मामले (Nirbhaya Gangrape) में जल्दी से न्याय की मांग को लेकर अपने गांव रालेगण सिद्धि (Ralegan Siddhi village ) में 'मौन व्रत' (Maun Vrat) पर बैठ गए हैं. अन्ना हजारे ने इससे पहले ऐलान किया था कि अगर एक सप्ताह के भीतर मोदी सरकार निर्भया के दोषियों को फांसी देने की तारीख जल्द तय नहीं करती है तो वे आमरण अनशन पर बैठेंगे. उससे पहले दो दिनों के लिए मौन व्रत रखेंगे. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के दोषी पवन गुप्ता की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अपराध के समय किशोर होने का दावा किया गया था.
बता दें कि इससे पहले अन्ना हजारे ने कहा था कि पिछली बार एक दुष्कर्मी एवं हत्यारे को 14 अगस्त 2005 को पश्चिम बंगाल में फांसी दी गई थी. हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को लिखे एक पत्र में कहा था, "तब से देश में मौत की सजा सुनाए गए किसी भी इस तरह के दोषी को फांसी की सजा नहीं दी गई है. वर्तमान में 426 दोषी फांसी की सजा का इंतजार कर रहे हैं.
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अन्ना हजारे ने कहा था, लोगों ने महसूस करना शुरू कर दिया है कि प्रणाली के माध्यम से न्याय पाने में देरी, बाधाएं और कठिनाइयां अपने आप में अन्याय है. हैदराबाद मुठभेड़ के जनसमर्थन का यही कारण है. लोग अब चाहते हैं कि इस तरह के 'मुठभेड़ों' में अपराधियों को खत्म कर दिया जाए.