सावधान! आज से लागू हुआ नया Income Tax Rule, सिर्फ जुर्माना चुकाकर नहीं मिलेगी राहत

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रिवाइज्ड गाइडलाइंस की मानें तो ब्लैकमनी और बेनामी कानून के तहत किए गए अपराध गंभीर माने जाएंगे जो इससे पहले सीरियस नहीं माने जाते थे. ऐसे में अगर कोई शख्स या कंपनी कर चोरी करता है तो सिर्फ टैक्स पेमेंट पेनाल्टी और ब्याज चुकाने से मामला हल नहीं होगा. इनकम टैक्स की नई गाइडलाइंस 17 जून 2019 यानी आज से लागू हुई है.

इनकम टैक्स (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली. टैक्स चोरी करने वालों पर सरकार सख्ती बढ़ा रही है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के रिवाइज्ड गाइडलाइंस की मानें तो ब्लैकमनी (Black Money) और बेनामी कानून के तहत किए गए अपराध गंभीर माने जाएंगे जो इससे पहले सीरियस नहीं माने जाते थे. ऐसे में अब इसका मतलब यह है कि अगर कोई शख्स या कंपनी कर चोरी करता है तो सिर्फ टैक्स पेमेंट (Tax Payment), पेनाल्टी और ब्याज चुकाने से मामला हल नहीं होगा.

बता दें कि इनकम टैक्स (Income tax) की नई गाइडलाइंस (New Guidelines)  17 जून 2019 यानी आज से लागू हुई है. खबरों की मानें तो रिवाइज्ड गाइडलाइंस (Revised Guidelines) में 13 तरह के मामलों की लिस्टिंग की गई है.

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने अपने सीनियर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसके आधार पर ही टैक्स चोरी से जुड़े मामलों का निपटारा होगा. ये 13 मामले अभी तक गंभीर अपराध की श्रेणि में नहीं आते थे. यह भी पढ़े-Income Tax 2019: इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं तो इन विकल्पों पर करें गौर, फायदेमंद हो सकती हैं निवेश से जुड़ी ये योजनाएं

मिंट के अनुसार, इनकम टैक्स (Income Tax) की धारा 115-0 या चैप्टर XVII-B के तहत अगर आप टैक्स नहीं चुकाते हैं तो यह अपराध A कैटेगरी में आता है. सोर्स से टैक्स कलेक्टर (Tax Collector) करके अगर कोई कंपनी या शख्स टैक्स (Tax) नहीं चुकाता है तो वह भी इसी कैटेगरी का अपराध माना जाएगा.

इसी कड़ी में आपको बताना चाहते है कि रिवाइज्ड गाइडलाइंस (Revised Guidelines) के अनुसार, ब्लैकमनी (अघोषित फॉरेन इनकम और एसेट्स) एंड इंपोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट, 2015 के मुताबिक किए गए अपराध को सामान्य नहीं माना जाएगा. बेनामी ट्रांजैक्शन (प्रोहिबिटेशन) एक्ट, 1988 के तहत किए गए अपराध (Crime) को भी टैक्स अधिकारी (Tax Officer) अब गंभीर अपराध मानेंगे.

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