Farmers Protest: NDA की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने किया 'भारत बंद' का समर्थन, 8 दिसंबर को गठबंधन से हो सकती है अलग

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी चीफ ने कहा, "राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 'किसानों द्वारा भारत बंद' के आह्वान का समर्थन करती है. पीएम को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए."

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) के राजस्थान स्थित घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (Rashtriya Loktantrik Party) ने मंगलवार को किसान संघों द्वारा बुलाए गए भारत बंद को समर्थन दिया है. पार्टी प्रमुख और लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने आज एक बयान जारी कर यह घोषणा की. आरएलपी ने भारत बंद का समर्थन करते हुए, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों का स्पष्ट रूप से समर्थन किया है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 8 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को छोड़ने पर अंतिम फैसला करेगी.

बेनी ने कहा, "राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी 'किसानों द्वारा भारत बंद' के आह्वान का समर्थन करती है. पीएम को कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. हम इस बात पर 8 दिसंबर के बाद फैसला लेंगे कि आरएलपी एनडीए में रहेगी या नहीं." उन्होंने कहा, आवश्यकता पड़ी तो किसानों के हक़ में लाखों लोग दिल्ली कूच करेंगे.बता दें कि  राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के पास राजस्थान विधानसभा के तीन विधायक हैं, साथ ही एक लोकसभा सीट है. Farmers Protest: किसानों के 'भारत बंद' को कांग्रेस का समर्थन, सीएम अशोक गहलोत ने कहा- हर कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा है.

प्रधानमंत्री को काले क़ानून वापिस ले लेने चाहिए अन्यथा RLP पार्टी NDA में रहेगी या नहीं इस पर हम 8 तारीख के बाद आपात बैठक बुला रहे हैं। हम भारत बंद का समर्थन करते हैं: RLP नेता हनुमान बेनीवाल

इस सप्ताह की शुरुआत में, बेनीवाल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से एक ट्वीट पोस्ट किया था, जिसमें कृषि सुधार कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की गई थी. इस ट्वीट में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग किया था, बेनीवाल ने चेतावनी दी थी कि अगर किसानों के विरोध प्रदर्शन की मांग को प्रभावी ढंग से संबोधित नहीं किया गया तो आरएलपी एनडीए छोड़ सकती है.

अगर बेनीवाल NDA का साथ छोड़ते हैं तो यह बीजेपी नीत गठबंधन के लिए दूसरा बड़ा नुकसान होगा. इससे पहले सितंबर में पंजाब स्थित शिरोमणि अकाली दल (SAD) - ने कृषि सुधार कानूनों के पारित होने के खिलाफ NDA गठबंधन को छोड़ दिया. एक अन्य भाजपा सहयोगी, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने हरियाणा सरकार को छोड़ने की संभावना से इनकार करने के बावजूद विधेयक पर आशंका व्यक्त की है.

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