सुषमा स्वराज के निधन पर मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताया शोक
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर मध्य प्रदेश में शोक व्याप्त है. सुषमा स्वराज का राजनीतिक तौर पर मध्य प्रदेश से जुड़ाव रहा है. उन्होंने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव स्वास्थ्य कारणों से नहीं लड़ा था. मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य नेताओं ने स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
भोपाल : भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के निधन पर मध्य प्रदेश में शोक व्याप्त है. मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य नेताओं ने स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
स्वराज के निधन पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "पूर्व केंद्रीय मंत्री, बहन सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. दिवंगत आत्मा को श्रद्घांजलि. ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनके परिजनों, समर्थकों को इस दु:ख को सहन करने का संबल प्रदान करें."
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वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने अपनी शोकसंवेदना व्यक्त करते हुए कहा, "सुषमा दीदी की जिह्वा पर साक्षात सरस्वती विराजती थीं. वह जो काम करती थीं, उनमें प्रतिष्ठा पाती थीं. वह कुशल संगठक और कुशल प्रशासक थीं. विदेश मंत्री सहित उन्हें जो भी मंत्रालय मिला, उन्होंने उस काम को बेहतर अंजाम दिया. देश की प्रतिष्ठा को पूरी दुनिया में बढ़ाया.
उन्होंने आगे कहा, "सुषमा दीदी जो भी कार्य करती थीं, उसमें प्रतिष्ठा पाती थीं. उन्होंने देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मान-सम्मान दिलाया. मैं अभी भी यह कल्पना नहीं कर पा रहा हूं कि वह हमें छोड़ गई हैं. यह केवल भाजपा की नहीं, पूरे देश की क्षति है."
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा, "वह दूरदर्शी एवं सामाजिक सरोकार से जुड़ी राजनेता थीं. उनके काम मे विजन देखने को मिलता था. उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में अपनी सफल भूमिका निभाई. अपने स्वास्थ्य की चिता किए बगैर लगातार जनता की सेवा की. मध्य प्रदेश से उनका दिल से रिश्ता रहा है. उन्होंने मध्य प्रदेश को कई सौगातें दीं."
पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, "सुषमा दीदी पार्टी के उत्थान और विकास के हर दौर की साक्षी रही हैं. एक प्रखर नेता के रूप में उन्होंने हर दौर में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई. युवा सांसदों, नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए तो सुषमा दीदी का इस तरह से जाना गंभीर क्षति है, जिनका स्नेहशील मार्गदर्शन सभी को सहजता से उपलब्ध रहता था."
ज्ञात हो कि, सुषमा स्वराज का राजनीतिक तौर पर मध्य प्रदेश से जुड़ाव रहा है. विदिशा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के उम्मीदवार के तौर पर वह दो बार निर्वाचित हुईं. उन्होंने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव स्वास्थ्य कारणों से नहीं लड़ा था.