MP By-Elections 2020: स्टार प्रचारक का दर्जा छिनने पर कमलनाथ ने कही ये बात

मध्य प्रदेश में उप-चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही बयानबाजी में तल्खी बढ़ती जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं. हर कोई अपनी सियासी दांव चल रहा है. वहीं इस बीच कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब कमलनाथ (Kamal Nath) द्वारा बार- बार आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया. चुनाव आयोग के फैसले पर कमलनाथ ने कहा कि स्टार प्रचारक न तो कोई पद है और न ही कोई दर्जा. मैं चुनाव आयोग के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, केवल 10 नवंबर के बाद टिप्पणी करूंगा. अंत में, जनता सबसे ज्यादा मायने रखती है और वे सब कुछ जानते हैं.

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ (Photo Credits: ANI)

मध्य प्रदेश में उप-चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही बयानबाजी में तल्खी बढ़ती जा रही है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं. हर कोई अपनी सियासी दांव चल रहा है. वहीं इस बीच कांग्रेस को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब कमलनाथ (Kamal Nath) द्वारा बार- बार आचार संहिता का उल्लंघन करने को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लिया. चुनाव आयोग के फैसले पर कमलनाथ ने कहा कि स्टार प्रचारक न तो कोई पद है और न ही कोई दर्जा. मैं चुनाव आयोग के फैसले पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, केवल 10 नवंबर के बाद टिप्पणी करूंगा. अंत में, जनता सबसे ज्यादा मायने रखती है और वे सब कुछ जानते हैं.

एमपी उप-चुनाव के दौरान अपने बयान के कारण कई बार कमलनाथ बीजेपी के निशाने पर रहे हैं. इससे पहले उन्होंने सभा के दौरान बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी पर टिप्पणी करते हुए उन्हें आइटम कह दिया था. जिसकी शिकायत बीजेपी ने चुनाव आयोग से भी की थी. वहीं, इस बयान को मुद्दा बनाकर बीजेपी उन्हें लगातार घेरती रही. बता दें कि स्टार प्रचारक की लिस्ट से हटाये जाने के बाद उनके प्रचार का पूरा खर्च उम्मीदवार को ही देखना पड़ता है.

ANI का ट्वीट:-

गौरतलब हो कि इससे पहले चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता कमल नाथ को कहा था कि उन्होंने एक बीजेपी महिला उम्मीदवार के संबंध में आइटम जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल कर चुनाव प्रचार के नियम का उल्लंघन है. आयोग ने उन्हें सलाह देते हुए कहा था कि किसी जनसभा को संबोधित करने के दौरान ऐसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, खासकर जब आचार संहिता लागू हो.

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