मध्यप्रदेश विधानसभा 2018: कांग्रेस पर बरसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दी ये बड़ी सलाह
मुख्यमंत्री ने सलकनपुर धाम में मां बिजासन के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया. इसके बाद वे बुधनी पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद नामांकनपत्र दाखिल किया.
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के नेताओं द्वारा उन पर किए जा रहे हमलों को अपने ही अंदाज में जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेसी जितना उनका नाम लेते हैं, उतना भगवान को जपें तो उन्हें मोक्ष मिल जाएगा. सीहोर जिले के बुधनी विधानसभा से नामांकन भरने पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने कहा, "कांग्रेस के राजा-महाराजा, उद्योगपतियों को लगता है कि यह जैत वाला कहां से आकर बैठ गया. उन्हें रातों को नींद नहीं आती और वे रात-दिन मेरा नाम लेते हैं. कांग्रेसी जितना मेरा नाम लेते हैं, उतना अगर भगवान का लें, तो उन्हें मोक्ष मिल जाए."
चौहान ने आगे कहा, "कांग्रेसी मेरे परिवार पर आक्षेप लगाते हैं, लेकिन मेरा परिवार छोटा नहीं है. मेरा कुनबा बहुत बड़ा है और प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता मेरा परिवार है. प्रदेश की जनता मेरी भगवान है और मैं उसका पुजारी हूं. ईश्वर जानता है, मेरी हर सांस प्रदेश की जनता के लिए चली है."
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मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रदेश जब आगे बढ़ा, तो कांग्रेसियों को अच्छा नहीं लगा. वे मुझे गालियां देने लगे. मुझे गाली दिए बिना उनका दिन पूरा नहीं होता है. अब तो वे मेरे बेटे को भी गाली देने लगे . पता नहीं कहां-कहां से आरोप उठा लाते हैं और मढ़ देते हैं. वे मर्यादाएं लांघ रहे हैं और व्यक्तिगत आक्षेप भी लगाते हैं. ये सब इसलिए, क्योंकि मैं उनकी सरकार के रास्ते में कांटा बन गया हूं."
मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से कहा, "एक वचन आप दीजिए, एक वचन मैं दूंगा. मैं प्रदेश की 229 सीटों पर भाजपा को जिताने जाऊंगा, लेकिन बुधनी नहीं आऊंगा. बुधनी आपके हवाले है, इसे आप संभालिए और मैं प्रदेश में बीजेपी को जिताकर फिर सरकार बनाने का वादा करता हूं."
इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान ने विधानसभा क्षेत्र बुधनी में नामांकन पत्र दाखिल किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिह चौहान, रमाकांत भार्गव उपस्थित थे. मुख्यमंत्री सुबह अपने गृह ग्राम जैत पहुंचे, जहां उन्होंने सपत्नीक मां नर्मदा और कुलदेवी की पूजा-अर्चना की.
मुख्यमंत्री ने सलकनपुर धाम में मां बिजासन के दर्शन किए और आशीर्वाद लिया. इसके बाद वे बुधनी पहुंचे, जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद नामांकनपत्र दाखिल किया.